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कैथलैब मशीन अभी भी बंद, नहीं मिला एआरबी सर्टिफिकेट, लेट-लतीफी से स्वास्थ्य मंत्री नाराज

locationरायपुरPublished: Aug 11, 2020 05:01:21 pm

Submitted by:

Karunakant Chaubey

इस दौरान डॉ. आभा सिंह के इस्तीफे के बाद डॉ. विष्णु दत्त ने डीन का पद संभाला हैं। जब तक डीन डॉ. दत्त के नाम से रजिस्ट्रेशन नहीं होगा, उनके नाम पर आईडी-पासवर्ड जनरेट नहीं होगा और जब तक एटॉमिक रेडिएशन सेफ्टी बोर्ड (एआरबी) से सर्टिफिकेट नहीं मिल जाता, मशीन बंद ही रहेगी।

कैथलैब मशीन अभी भी बंद, नहीं मिला एआरबी सर्टिफिकेट, लेट-लतीफी से स्वास्थ्य मंत्री नाराज

कैथलैब मशीन अभी भी बंद, नहीं मिला एआरबी सर्टिफिकेट, लेट-लतीफी से स्वास्थ्य मंत्री नाराज

रायपुर. पं. जवाहरलाल नेहरू मेमोरियल मेडिकल कॉलेज अंतर्गत संचालित एडवांस कॉर्डियक इंस्टीट्यूट (एसीआई) में 7 जून 2020 को इंस्टॉल हुई 3.47 करोड़ रुपए की लागत वाली कैथलैब मशीन अब तक बंद पड़ी हुई है। तो इसका परिणाम यह है कि एंजियोग्राफी, एंजियोप्लास्टी, दिल के सुराख और दिल की बीमारियों के जरुरतमंद मरीजों की वेंटिंग 100 जा पहुंची है। जो रोजाना बढ़ती ही चली जा रही है।

‘पत्रिका’ पड़ताल में सामने आया कि मशीन को तभी ऑपरेट किया जा सकता है, जब भाभा एटॉमिक सेंटर में मशीन के संचालक/मालिक यानी डीन का नाम रजिस्ट्रेशन हो। मशीन नई है, और इस दौरान डॉ. आभा सिंह के इस्तीफे के बाद डॉ. विष्णु दत्त ने डीन का पद संभाला हैं। जब तक डीन डॉ. दत्त के नाम से रजिस्ट्रेशन नहीं होगा, उनके नाम पर आईडी-पासवर्ड जनरेट नहीं होगा और जब तक एटॉमिक रेडिएशन सेफ्टी बोर्ड (एआरबी) से सर्टिफिकेट नहीं मिल जाता, मशीन बंद ही रहेगी।

सूत्रों के मुताबिक इस प्रक्रिया को पूरा करने की जवाबदारी राज्य रेडिएशन सेफ्टी ऑफिस की है। एसीआई द्वारा सभी औपचारिकताएं पूरी की जा चुकी हैं, मगर देरी राज्य रेडिएशन सेफ्टी ऑफिस की तरफ से हो रही है। रेडिएशन सेफ्टी की प्रक्रिया भी 15 से 17 दिन पहले पूरी हो चुकी है। मगर, अभी भी कहा जा रहा है कि सर्टिफिकेट जारी होने में 15 दिन लगेंगे। गौरतलब है कि १ जुलाई को स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव के हाथों कैथलैब यूनिट का उद्घाटन होना था। मगर, इस तमाम प्रक्रियाओं में हो रही देरी से मंत्री भी नाराज हैं। उन्होंने बीते दिनों अस्पताल अधीक्षक डॉ. विनीत जैन से इस संबंध में बात भी की है।

कैथलैब यूनिट को हमेशा करना पड़ा मुश्किलों का सामना-

कॉर्डियोलॉजी विभाग ने कहा था कि जुलाई 2019 में कैथलैब मशीन आउटडेटेड हो जाएगी। हो भी गई। मगर, जैसे-तैसे रिपेयर करवाकर काम चलाया गया, ताकि मरीजों को लौटाना न पड़े। कंपनी पुरानी कैथलैब मशीन के बदले नई मशीन को सिर्फ 3.47 करोड़ रुपए में इंस्टॉल करके देगी। इससे सरकार के 6.50 करोड़ रुपए बचेंगे। इस ऑर्डर को जारी करने में काफी देरी हुई।

– ऑर्डर तो निकाल गया, मगर सीजीएमएससी ने खरीदी में समय लगा दिया। मशीन के इंस्टॉल चैंबर के रिनोवेशन के लिए फाइल ही घूमती रही।

– 7 जून 2020 को मशीन इंस्टाल हो चुकी है। मगर, पूर्व में ही राज्य रेडिएशन सेफ्टी ऑफिस द्वारा यह बता दिया जाता कि डीन के नाम पर नए सिरे से रजिस्ट्रेशन करवाना है, यह देरी न होती।

सभी सरकारी योजनाओं में दिल का मुफ्त इलाज-

कैथलैब के जरिए एसीआई में सरकारी योजनाओं में दिल की सभी बीमारियों का नि:शुल्क उपचार होगा। आयुष्मान भारत और डॉ. खूबचंद बघेल स्वास्थ्य सहायता योजना में एंजियोग्राफी, एंजियोप्लास्टी, पेसमेकर, अलग-अलग प्रकार की स्टेंटिंग और दिल के सुराग बंद करने के पैकेज रेट निर्धारित हैं। सारी प्रोसिजर की दरें, बेड चार्ज, पेङ्क्षडग वार्ड चार्ज की दरें भी निर्धारित कर दी गई हैं।

कैथलैब मशीन इंस्टॉल हो गई है, हमारे रजिस्ट्रेशन भी हो चुके हैं। आगे कहां-क्या परेशानी आ रही है इस पर आप रेडिएशन सेफ्टी ऑफिसर से पूछें।

-डॉ. स्मित श्रीवास्तव, विभागाध्यक्ष, कॉर्डियोलॉजी, एडवांस कार्डियक इंस्टीट्यूट

डीन बदलने से नए सिरे से रजिस्ट्रेशन करवाना होगा, उसकी प्रक्रिया पूरी कर दी गई है। एक-दो दिन में आईडी, पॉसवर्ड जनरेट हो जाएगा। मैंने निरीक्षण कर लिया है। (100 मरीज, वेटिंग में हैं। बोले…) अभी 15 दिन और लग सकते हैं।

-डॉ. आनंद मोहन चंदोला, स्टेट रेडिएशन सेफ्टी ऑफिसर

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