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ब्रांडेड कंपनियों के नाम से नकली चायपत्ती, वाशिंग पाउडर व शैंपू पकड़ाया, 3 गिरफ्तार

locationरायपुरPublished: Oct 30, 2020 09:51:32 pm

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CG Desk

– शहरी से लेकर ग्रामीण इलाकों में माल खपा रहे कारोबारी, गुढि़यारी स्थित गोदाम से नकली ब्रांडेड सामानों की बड़ी खेप जब्त, गिरफ्तारी के बाद तीनों आरोपी जमानत पर छूटे.

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रायपुर. कीमत ब्रांडेड की और माल लोकल। कुछ इस तरह से चल रहा है शहर में नकली सामानों का गोरखधंधा। पीने से लेकर धोने और लगाने की कई चीजें नकली मिल रही हैं। इसकी सूचना पर सिविल लाइन पुलिस और दिल्ली की एक टीम ने छापा मारकर तीन कारोबारियों को गिरफ्तार किया है। तीनों आरोपियों को कॉपीराइट एक्ट के तहत गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उनकी फिलहाल जमानत हो गई। आरोपियों के कब्जे में बड़ी मात्रा में ब्रांडेड कंपनियों के नाम से नकली चायपत्ती, बालों में लगाने वाला नकली शैंपू और नकली डिटर्जेंट पाउडर बरामद किया है। पुलिस को आशंका है कि पकड़े गए आरोपी नकली सामान बनाने वाले बड़े गिरोह से जुड़े हैं। नकली सामान को आरोपियों ने अपने गोदाम में जमा करके रखा था।
पुलिस के मुताबिक पुराना राजेंद्र नगर निवासी प्रताप बैनर्जी नकली चायपत्ती बनाकर मार्र्केट में बेच रहा था। इसकी सूचना मिलने पर आईपी क्राइम प्राइवेट लिमिटेड के ऑपरेशन मैनेजर अनिल मलहोत्रा ने सिविल लाइन थाने में शिकायत की। इसके बाद पुलिस की टीम ने प्रताप बैनर्जी के घर छापा मारा। मौके से देश की नामी कंपनी के उत्पाद के नाम के खाली डिब्बे औरबड़ी मात्रा चायपत्ती रखी मिली। डिब्बों में अलग से रखी चायपत्ती को भरा जा रहा था। चायपत्ती की क्वालिटी भी काफी अलग थी। पुलिस ने मौके से कुल २५० ग्राम के १६७ पैकेट चायपत्ती जब्त किया है।
पूछताछ में बड़े रैकेट का खुलासा
पुलिस ने प्रताप बैनर्जी को गिरफ्तार कर लिया और उससे पूछताछ की गई। उसने खुलासा किया कि वह कारोबारी कैलाश आसीजा और प्रकाश पृथवानी के साथ मिलकर नकली सामान बना रहा है। इसके बाद पुलिस ने कैलाश को पकड़ा। कैलाश से पूछताछ के बाद पुलिस ने प्रकाश को भी गिरफ्तार किया। इसके बाद पुलिस ने आरोपियों से कड़ाई से पूछताछ की। तीनों ने नकली सामान रखना स्वीकार किया।
गोदाम में मिला शैंपू-वाशिंग पाउडर
पुलिस कैलाश और प्रकाश से कई घंटों की पूछताछ की। इसके बाद आरोपियों ने ब्रांडेड कंपनी के नाम से नकली चायपत्ती, नकली शैंपू और नकली वाशिंग पाउडर बनाना स्वीकार किया। इसके बाद पुलिस ने आरोपियों की निशानदेही पर उनके गुढिय़ारी स्थित गोदाम पर दबिश दी। आरोपियों ने गुढिय़ारी में केंद्रीय सहकारी बैंक के पास महेश शर्मा के मकान के एक हिस्से को गोदाम के रूप में ले रखा था। और वहीं नकली सामान रखते थे। पुलिस ने छापा मारकर मौके से ब्रांडेड नाम वाली शैंपू की ६४ पेटी बरामद किया। एक पेटी में ९६० पाउच थे। इसी तरह डिटर्जेंट पाउडर की ५ बोरी जब्त किया है। एक बोरी में १२० पीस पाउडर थे।
नकली-असली की पहचान करना मुश्किल
मार्केट में नकली सामान असली से इतना मिलता-जुलता है कि आम आदमी उसकी पहचान नहीं कर सकता है। यही वजह है कि कई तरह के नकली सामान बिक रहे हैं, लेकिन आम आदमी पहचान नहीं पा रहा है। आरोपियों के पास मिले चायपत्ती, शैंपू और डिर्टजेंट पाउडर कंपनी के असली चायपत्ती, शैंपू और डिटर्जेंट पाउडर से हुबहू मिलता-जुलता है। आसानी से उसके नकली होने का पहचान करना मुश्किल है। केवल पैकेट, पाउच और पॉलीथिन की प्रिंटिंग और कलर की क्वालिटी में अंतर रहता है। इसके अलावा भीतर के माल की क्वालिटी में भी अंतर हो सकता है।
बड़े पैमाने पर चल रहा गोरखधंधा
ब्रांडेड कंपनियों के नाम से नकली सामान बेचने का गोरखधंधा बड़े पैमाने पर चल रहा है। शहर के आउटर और ग्रामीण एरिया में नकली सामान ज्यादा खपाया जा रहा है। खाने-पीने की चीज के अलावा डेली उपयोग की कई चीजें नकली बेची जा रही है, जबकि उनकी कीमत ब्रांडेड जितनी ही रहती है। ग्रामीण इलाके किराने की दुकानों में इसे खपाया जा रहा है। आईपी क्राइम प्राइवेट लिमिटेड के ऑपरेशन मैनेजर अनिल मलहोत्रा के मुताबिक आरोपियों को ब्रांडेड कंपनियों के डिब्बों और पाउच में नकली पैकेजिंग करते हुए पकड़ा गया है। शैंपू और वाशिंग पाउडर भी बरामद हुआ है। इस तरह के नकली माल ग्रामीण इलाके में ज्यादा खपाया जा रहा है।
सरगना तक नहीं पहुंची पुलिस
नकली सामान बनाने और पैकेजिंग करने वालों को बड़ा गिरोह रायपुर में सक्रिय है। इसका खुलासा पुलिस कर सकती है, लेकिन पकड़े गए तीनों आरोपियों से कड़ाई से पूछताछ नहीं की गई।बता दें कि आरोपी चायपत्ती का डिब्बा, शैंपू का पाउच और पॉलीथिन पर अलग से प्रिंट करवाते होंगे, लेकिन कहां करवाते हैं और कौन-कौन लोग इस गिरोह से जुड़े हैं? इसकी जांच पुलिस ने नहीं की है।
ऐसे बचें नकली माल से
आईपी क्राइम प्राइवेट लिमिटेड के ऑपरेशन मैनेजर अनिल मलहोत्रा के मुताबिक नकली चीजों को शहर के बजाय ग्रामीण और शहर से लगे आउटर के छोटे-छोटे दुकानों में खपाया जाता है। शहर की बड़ी दुकानों और मॉल से खरीदने पर कंपनी का ही माल मिलेगा। इसके अलावा नकली सामान की पैकेजिंग, पिं्रटिंग और कलर की क्वॉलिटी असली सामान के रैपर, पाउच या डिब्बे की पैकेजिंग, कलर और प्रिंटिंग से कमतर होगी। इससे भी पहचान कर सकते हैं।
नकली सामान रखने और पैकेजिंग करने के आरोप में तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया था। मामले की अभी जांच चल रही है। तीनों को जमानत मिल गई है।
-विनोद कश्यप, विवेचना अधिकारी, सिविल लाइन थाना, रायपुर
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