सिक्योरिटी वालों ने छीन लिया था कैमरा
मुंबई में मैंने लंबा संघर्ष किया है। शुर के तीन साल के बारे में मैं बताना नहीं चाहता। स्टूडियो लैब में जॉब करते वक्त मैंने पैसे जमा कर एक कैमरा खरीदा। फिल्मों और फिल्मी मैगजीन मेरी पसंद में शुमार थे। मुझे किसी ने बताया था कि गोरेगांव में फिल्मों की शूटिंग होती है। बचपन से ही निडर रहा हूं। सुरक्षा को लांघते हुए मैं सीधे स्टूडियो में घुस गया। शाहरूख खान की फिल्म की शूटिंग चल रही थी। मैंने कुछ फोटोज लेने शुरू किए। वहां मौजूद लोगों ने मेरा कैमरा छीन लिया, कहने लगे कि बिना परमिशन फोटो अलाऊ नहीं है। हालांकि बाद में मुझे कैमरा वापस कर दिया गया। बाहर निकलने के बाद मैंने तय किया कि अब यही करना है।फोटोग्राफर्स के अंडर में काम किया
गोरेगांव वाली घटना के बाद से मैं चाहता था कि फोटोग्राफी में ऐसी क्वालिटी लाऊंगा कि बॉलीवुड का कोई स्टार मेरे कैमरे के फ्रेम से छूटेगा नहीं। मैं कुछ फोटोग्राफर्स के अंडर में काम किया। उनसे अपनी स्किल को डवलप किया। फिर मैंने विशाल सक्सेना फोटोग्राफी कंपनी खोल ली। इसके बाद मुझे काम मिलने लगे। ऑलमोस्ट सभी स्टार्स के फोटो खींच चुका हूं। अभी नए चेहरे जो हैं उनकी फोटो शूट बाकी है जो जल्द कर लूंगा।गरीबों के लिए बनाता हूं खाने
आज मुझे 17 साल हो गए हैं बॉलीवुड में। जब भी मैं फ्री होता हूं, खुद खाना बनाता हूं और जरूरतमंदों को बांटता हूं। सोशल वर्क करना मुझे अच्छा लगता है। कई मॉडल ऐसे आते हैं जिनके पास पैसे नहीं होते, लेकिन पोटेंशियसल बहुत होता है। उनके लिए फ्री में काम कर देता हूं। आज नहीं तो कल कुछ न कुछ करेंगे, इस तरह हमारे रिलेशन बने रहेंगे।रायपुर में खूब पोटेंशियल
मैं खुद छोटे शहर से हूं, इसलिए चीजों को समझता हूं। यहां के युवाओं से मिलकर मुझे मुंबई और रायपुर में कोई खास फर्क महसूस नहीं हुआ। दोनों जगह ग्लैमर्स को पसंद किया जाता है। यूथ की थॉट वेल डवलप है। हर फील्ड में डिफिकल्टी और कॉम्पीटिशन है। अभी लोग ये सोचते हैं कि मोबाइल से फोटो खींच लिया तो फोटोग्राफर बन गए। मेरा मानना है कि यह काम आप प्रोफेशनल करें। इसके लिए बकायदा टाइम दें। मेहनत करें। अच्छे कैमरे से फोटो लें। सोशल मीडिया का दौर है, कनेक्टीविटी आसान है। अगर आपका काम बढिय़ा है तो लोग खुद ही आपको तलाश लेंगे।