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राजिम पुन्नी मेला आस्था का केंद्र, यहां न मुरुम पटेगा, न कंक्रीट सड़क बनेगी, यह स्थल प्राकृतिक रहेगा, सरकार ने दिए तीन करोड़

locationरायपुरPublished: Jan 28, 2020 06:40:54 pm

नदी और संगम स्थल से नहीं होगी छेड़छाड़, ९ फरवरी से शुरू हो रहा राजिम पुन्नी मेला, २१ को महाशिवरात्रि के दिन समापन

राजिम पुन्नी मेला आस्था का केंद्र, यहां न मुरुम पटेगा, न कंक्रीट सड़क बनेगी, यह स्थल प्राकृतिक रहेगा, सरकार ने दिए तीन करोड़

राजिम पुन्नी मेला आस्था का केंद्र, यहां न मुरुम पटेगा, न कंक्रीट सड़क बनेगी, यह स्थल प्राकृतिक रहेगा, सरकार ने दिए तीन करोड़

रायपुर. राजिम पुन्नी मेला नौ फरवरी से शुरू होने जा रहा है। समूचे प्रदेश की आस्था का बड़ा केंद्र राजिम का त्रिवेणी संगम से कोई छेड़छाड़ नहीं होगी। न यहां मुरुम पाटी जाएगी, न कांक्रीट की सड़क बनेगी। यह स्थल पूरी तरह प्राकृतिक रहेगा। गरियाबंद जिला पंचायत सीईओ विनय कुमार लंगेह ने ‘पत्रिकाÓ से बातचीत में कहा कि पूर्व में क्या निर्णय लिए गए थे, मुझे इस संबंध में जानकारी नहीं है। लेकिन संगम स्थल जिस स्वरूप में है, वह वैसा ही रहेगा। वहां कोई अतिरिक्त निर्माण नहीं होगा। पूर्व में आवागमन के लिए नदी के बीचों-बीच से सड़क बनाने की चर्चा थी, जिसका स्थानीय और राजनीतिक स्तर पर पुरजोर विरोध हुआ था।
गौरतलब है कि कांग्रेस सरकार ने सत्ता में आने के बाद 2019 में राजिम कुंभ का नाम बदलकर राजिम पुन्नी मेला कर दिया था। बीते वर्ष जहां धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व विभाग ने मेले के आयोजन के लिए पांच करोड़ से अधिक की राशि स्वीकृति की थी, इस बार इसमें कटौती करते हुए तीन करोड़ रुपए जारी किए हैं। अब तक जानकारी के मुताबिक 15 फरवरी को पहला शाही स्नान होगा, 21 फरवरी को महाशिवरात्रि के अवसर पर मेले का समापन होगा।
स्थानीय कलाकारों को ही प्राथमिकता
पुन्नी मेला में 13 दिनों तक धार्मिंक और सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित होंगे। गरियाबंद जिला पंचायत के सीईओ विनय कुमार लंगेह ने बताया कि अभी आयोजनों की सूची तैयार नहीं हुई है, इसमें तीन दिन का समय लगेगा। स्थानीय कलाकारों को ही प्राथमिकता दी जाएगी। मेला स्थल पर खेल-कूद प्रतियोगिताएं भी करवाई जाएंगी।

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