जल संसाधन मंत्री रविंद्र चौबे ने केंद्रीय मंत्री जल संसाधन मंत्री शेखावत से छत्तीसगढ़ शासन द्वारा प्रेषित प्री-फिजिबिलिटी रिपोर्ट पर सहमति देने का आग्रह किया था। मंत्री चौबे ने बताया कि बोधघाट परियोजना की प्री फिजिबिलिटी रिपोर्ट 2 अप्रैल 2020 को केंद्रीय जल आयोग को भेजी गई थी। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री की मंशा के अनुरूप छत्तीसगढ़ जल संसाधन विभाग द्वारा इस परियोजना के सर्वेक्षण अनुसंधान और डीपीआर तैयार कराए जाने को लेकर भी अपने स्तर से प्रयास शुरू कर दिया गया था ,ताकि भारत सरकार से मंजूरी मिलते ही इस काम को अविलंब आगे बढ़ाया जा सके।
मंत्री चौबे ने बताया कि बोधघाट बहुद्देश्यीय सिंचाई परियोजना इंद्रावती नदी पर प्रस्तावित है। यह दंतेवाड़ा जिले के विकासखंड गीदम के ग्राम बारसुर से लगभग 8 किलोमीटर और जगदलपुर जिला मुख्यालय से 100 किलोमीटर की दूरी पर है। इस परियोजना की कुल लागत 22 हजार 653 करोड़ रुपए है।
मंत्री चौबे ने बताया कि बोधघाट बहुद्देश्यीय सिंचाई परियोजना इंद्रावती नदी पर प्रस्तावित है। यह दंतेवाड़ा जिले के विकासखंड गीदम के ग्राम बारसुर से लगभग 8 किलोमीटर और जगदलपुर जिला मुख्यालय से 100 किलोमीटर की दूरी पर है। इस परियोजना की कुल लागत 22 हजार 653 करोड़ रुपए है।
इससे लगभग 3 लाख 66 हजार 580 हेक्टेयर में सिंचाई तथा लगभग 300 मेगावाट विद्युत उत्पादन किया जाना प्रस्तावित है। बोधघाट परियोजना से बस्तर संभाग के दंतेवाड़ा, सुकमा और बीजापुर जिले में सिंचाई होगी। जल संसाधन मंत्री रविंद्र चौबे ने कहा कि आगामी 8-9 माह के भीतर बोधघाट परियोजना का सर्वेक्षण अनुसंधान एवं डीपीआर तैयार कर निर्माण कार्य को आगे बढ़ाने का प्रयास होगा।