वेद प्रकाश सिंह@रायपुर. निजी स्कूलों में आर्थिक रूप से कमजोर तबके के बच्चों को शिक्षा देने के लिए केन्द्र सरकार ने 2009 में शिक्षा का अधिकार कानून बनाया था। इसके तहत निजी स्कूल में दाखिला लेने वाले बच्चों की फीस केंद्र और राज्य के फंड से चुकाने का नियम बना।
एक विद्यार्थी पर केंद्र का 75 फीसदी और राज्य 25 फीसदी बजट तय है।लेकिन बीते सात सालों से केंद्र ने फंड नहीं दिया। इस वजह से राज्य सरकार पर आरटीइ का बोझ बढ़ गया है। इस पर राज्य सरकार अब तक 250 करोड़ रुपए खर्च कर चुकी है।वहीं, पूरी राशि बढ़कर 330 करोड़ रुपए तक पहुंच गई है।
लोकशिक्षण संचालनालय के संचालक एस प्रकाश ने बताया कि केन्द्र सरकार को पत्र भेजा गया था, जिसके बाद इस वर्ष 180 करोड़ रुपए का प्रस्ताव किया गया है।जिन स्कूलों को भुगतान नहीं किया गया है, जल्द ही उन्हें राशि दे दी जाएगी।