यह है सर्टिफिकेट कोर्स
वाइल्ड लाइफ स्पेशलाइजेशन के साथ सर्टिफिकेट कोर्स इन प्रोफेशनल फोटोग्राफी, सर्टिफिकेट कोर्स इन स्टिल फोटोग्राफी, डिप्लोमा इन फोटोग्राफी, डिप्लोमा इन प्रोफेशनल फोटोग्राफी, डिप्लोमा इन स्टिल फोटोग्राफी बीएफए फोटोग्राफी, बीएससी इन फिल्म फोटोग्राफी, पीजी डिप्लोमा इन फोटोग्राफी, पीजी डिप्लोमा आदि।
इन संस्थानों से किया जा सकता है सर्टिफिकेट कोर्स
फिल्म एंड टेजीविजन इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया पुणे, नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फोट्रोगाफी मुम्बई, जवाहरलाल नेहरू आर्किटेक्चर एंड फाइन आर्ट्स यूनिवर्सिटी हैदराबाद, जेजे स्कूल ऑफ आर्ट्स मुम्बई, जामिया मिलिया इस्लामिया दिल्ली,सेंट जेवियर्स कॉलेज मुम्बई, दिल्ली कॉलेज ऑफ फोटोग्राफी दिल्ली, उस्मानिया विश्वविद्यालय हैदराबाद।
जूनून होना है जरुरी
आज से दो दशक पहले तक वाइल्ड लाइफ फोटोग्राफी बहुत ज्यादा लोकप्रिय कॅरियर विकल्प नहीं था, लेकिन टीवी ने चैनलों के जरिए इस रोमांचक और सुनहरे कॅरियर से लोगों को रूबरू करवाया है।रोमांचक कॅरियर होने के साथ ही यह तकनीकी और रचनात्मक पेशा है। कैमरे की अच्छी समझ के अलावा, कैमरे के एंगल, शॉट, लैंस के उपयोग आदि की जानकारी होना आवश्यक है।वन्य जीवों और प्रकृति के अनदेखे सौंदर्य को अपने कैमरे में कैद करने का इतना धैर्य और जुनून आप में होना चाहिए।
हार्डवर्क और पेशेंस जरूरी
वाइल्ड लाइफ फोटोग्राफी वही लोग कर सकते हैं, जिनमें जुनून हो। क्योंकि यह बहुत हार्डवर्क और पेशेंस रखने वाला काम है। एक अच्छे फोटो के लिए 10-10 घंटे पेड़ में बैठना पड़ता है। कई-कई दिन जंगल में रहना पड़ता है। हालांकि इस पेशे में अवसरों की कमी नहीं है। एक सर्टिफाइड फोटोग्राफर डिस्कवरी, एनिमल प्लेनेट, नेशनल ज्योग्राफिक, हिस्ट्री चैनल, न्यूज एजेंसीज, एनजीओ के लिए काम कर सकते हैं। इसके अलावा फ्री लांसर फोटोग्राफर भी बन सकते हैं। एग्जीबिशन के माध्यम से अपनी क्रिएटिविटी से सभी को परिचित करा सकते हैं। पब्लिशिंग कंपनी, विज्ञापन और सरकारी एजेंसी में भी रोजगार के अवसर हैं। काबिल फोटोग्राफर्स को विदेशी वन्यजजीव एवं नेचर मैगजीन में हुनर दिखाने का अवसर मिल सकता है।