Chhattisgarh govt news : इन पर गलत तरीके से विकलांगता प्रमाणपत्र देने का आरोप लगा है। अब इनके प्रमाणपत्रों के साथ अन्य विकलांग भी जांच के घेरे में आ जाएंगे। जिन विभागों को 18 विकलांग कार्यरत है, उन सभी विभागों को सामान्य प्रशासन विभाग ने पत्र लिखा है। इसमें कहा गया है कि विकलांगता की पुष्टि के लिए मेडिकल बोर्ड से दोबारा जांच कराई जाए। साथ ही यह भी लिखा है कि 1 जनवरी 2019 के बाद नियुक्त हुए समस्त शासकीय सेवक जो विकलांगता प्रमाण-पत्र के आधार पर शासकीय सेवा में कार्यरत हैं, उनकी भी जांच हो।
अनिवार्य रूप से ले शपथपत्र सामान्य प्रशासन विभाग ने अपने पत्र में यह भी लिखा है कि नियुक्ति के समय दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम 2016 की धारा 91 के पालन में विकलांग कोटे के अभ्यर्थियों से घोषणा-पत्र (स्वयं शपथपत्र) अनिवार्य रूप से लिया जाए।
भविष्य में सतर्क रहने की हिदायत सामान्य प्रशासन विभाग ने एक तरह से सभी विभागों को भविष्य में सतर्क रहने की भी हिदायत दी है। विभाग ने अपने पत्र में लिखा है कि केंद्र सरकार द्वारा विशिष्ट विकलांगता पहचान पत्र (यूडीआईडी) दिया जा रहा है। इसके अंतर्गत विकलांगों को ऑनलाइन विकलांगता प्रमाण पत्र व यूनिक डिसएबिलिटी आईडी दिया जाता है। भविष्य में विभिन्न शासकीय जनकल्याणकारी योजनाओं व शासकीय सेवा में भर्ती के लिए यूडीआईडी अनिवार्य की जाए। साथ ही शासकीय सेवा में नियुक्ति के पूर्व संबंधित मेडिकल बोर्ड से विकलांगता प्रमाण पत्र व यूडीआईडी कार्ड का सत्यापन किया जाए।