scriptसदन में गूंजा सीडी कांड, बघेल बोले- सही जांच हुई तो आंच सबसे बड़े बंगले तक जाएगी | CG Assembly: Bhupesh Baghel raised Chhattisgarh Sex CD Case | Patrika News

सदन में गूंजा सीडी कांड, बघेल बोले- सही जांच हुई तो आंच सबसे बड़े बंगले तक जाएगी

locationरायपुरPublished: Dec 23, 2017 12:07:15 pm

Submitted by:

Ashish Gupta

कांग्रेस विधायक भूपेश बघेल ने रात 2.20 बजे अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा करते हुए झीरम और सीडी कांड को लेकर सरकार पर जमकर बरसे।

Bhupesh Baghel
रायपुर . विधानसभा के शीतकालीन सत्र के अंतिम दिन शुक्रवार को दोपहर 12 बजे शुरू हुई विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा शनिवार सुबह 5.25 बजे तक चलती रही। कांग्रेस विधायक भूपेश बघेल ने रात 2.20 बजे अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा करते हुए झीरम और सीडी कांड को लेकर सरकार पर जमकर बरसे।
उन्होंने सदन में कहा, सीडी मामले में सही ढंग से जांच होगी, तो आंच सबसे बड़े बंगले तक जाएगी। उन्होंने इशारों में कहा, युवराज ने भी फोन किया था और कोरे कागज पर प्रकाश बजाज ने साइन किया था। उन्होंने इस पूरे मामले की जांच सुप्रीम कोर्ट के सिटिंग जज की अध्यक्षता में कराने की मांग की।
बघेल ने कहा, जिस सीडी की बात होती है, वो वॉट्सअप में एक महीने पहले से ही चल रही थी। तब सत्ता पक्ष ने क्यों नहीं रोका? आका का पता नहीं और एफआईआर में नाम नहीं, फिर भी ११ घंटे में पकड़ लाए। उन्होंने कहा कि जिन्होंने गंदगी परोसी, उससे कोई पूछताछ तक नहीं हुई। जो दोनों सीडी चला रहे हैं, सीबीआई उनसे क्यों पूछताछ नहीं कर रही है?
उन्होंने कहा, सरकार षड़यंत्र 2013 की तरह इस बार षडयंत्र का ब्रम्हास्त्र चला रही है। झीरमकांड को लेकर बघेल ने मुख्यमंत्री को घेरते हुए कहा कि झीरम घाटी की घटना राजनीतिक षडयंत्र है। कवासी को पता है या नहीं, लेकिन मुख्यमंत्री को पता है कि झीरम में क्या हुआ था। सदन में घोषणा के बाद सीबीआई जांच नहीं हो रही है। इसका मतलब सारी दाल काली है। सीएम को सदन में बताना चाहिए कि वहां हत्यारा कौन है? नान घोटाले पर बघेल ने कहा, छोटे प्यादे जेल में सड़ रहे हैं और बड़े मगरमच्छ शहर में घूम रहे हैं।

‘झीरम की सच्चाई बताते क्यों नहीं’
कांग्रेस विधायक उमेश पटेल सदन में झीरम कांड पर कहा कि सदन के नेता यह कहते हैं कि जिस दिन लखमा सच्चाई बोल देंगे, उस दिन देश में बवाल मच जाएगा। यदि वे सच्चाई जानते हैं तो बताते क्यों नहीं? क्या सदन में इसका मजाक उड़ाया जाएगा। 2 साल पहले 24 मई को दिनभर एक आत्मसमर्पित माओवादी का इंटरव्यू चलता है। वह कह रहा था कि नंदकुमार पटेल और महेंद्र कर्मा क्रॅास फायरिंग में मारे गए। या तो वह माओवादी नहीं है या यदि वह उपस्थित था, तो उससे झूठ बुलवाया जा रहा था।

पटेल ने कहा कि एक मामले में एक दिन में सीबीआई की घोषणा हो जाती है, तो इस मामले में क्यों नहीं? उन्होंने कहा, क्या माओवाद की समस्या पंजाब से बड़ी है। आपने गिल को लाया, लेकिन सीएम उनसे कहते हैं कि खाओ पियो यहां रहो। आप माओवाद को खत्म नहीं करना चाहते, आप फायदा ले रहे हैं। वे मजाक उड़ाते हैं। यह बेहद अशोभनीय है। मैंने भावनाओं को दबाना सीख लिया है। जब इस बात को कुरेदा जाता है, तब मैं सभी सदस्यों से हाथ जोड़कर कहता हूं कि यदि आप हमारी मदद नहीं कर सकते, तो हमारा अपमान भी न किया करें।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो