उन्होंने स्वास्थ्य विभाग की सर्वे रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा, प्रदेश में विगत 6 माह में ही मलेरिया के प्रकोप से लगभग 500 लोगों की मौत गई है। वहीं दूसरी ओर दूषित जलजनित बीमारी से प्रदेश के 40 हजार लोग गंभीर रूप से पीडि़त है। इसके जवाब में स्वास्थ्य मंत्री अजय चंद्राकर ने सदन को बताया कि जुलाई में जिला सूरजपुर के चांदनी बिहारपुर में मलेरिया फैला था, जिसका नियंत्रण किया गया। जून से नवम्बर 2017 के बीच कुल 19 मौत हुई है।
विधायक पटेल ने कहा, प्रदेश के स्वास्थ्य केंद्रों में डॉक्टर और स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं की कमी है। मंत्री जी 19 मृतकों की बात कर रहे हैं। वे ये बताएं कि इसमें दंतेवाड़ा जिले का आंकड़ा भी शामिल हैं क्या? इस पर मंत्री ने कहा, दंतेवाड़ा की जानकारी नहीं है।
विधायक पटेल ने 5 लाख से अधिक की दवा खरीदी पर रोक लगाए जाने पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि, अब दवा खरीदी के नाम पर कमीशन का खेल चल रहा है। मलेरिया की दवा की जगह मल्टी विटामिन की दवा की खरीदी हो रही है। इसके जवाब में मंत्री चंद्राकर ने कहा कि प्रदेश में कभी भी मलेरिया के दवा की कमी नहीं हुई है। इसके बाद विधायक पटेल ने कहा, डॉक्टरों को दूसरे प्रशासनिक काम में लगा दिया जा रहा है। खाद्य विभाग में दो डॉक्टर काम कर रहे हैं।
इस पर मंत्री चंद्राकर ने कहा, हम जल्द ही अलग से पब्लिक हेल्ड कैडर स्वीकृत करने वाले हैं। इसके लिए शासन से अभिमत भी मिल गया है। स्मार्ट कार्ड में पैसे नहीं होने की बात पर मंत्री चंद्राकर ने बताया कि प्रदेश में 2 हजार 856 व्यक्तियों को 30 हजार से अधिक रुपए का इलाज हुआ है। इससे साबित होता है कि कार्ड में पर्याप्त पैसा है। विधायक पटेल मंत्री के अधिकांश जवाबों से संतुष्ट नजर नहीं आए। सदन के बाहर उन्होंने कहा, प्रदेश की स्थिति गंभीर है, लेकिन मंत्री किसी भी सवाल का सही जवाब नहीं दे पा रहे हैं।