श्रेणी सुधार करने वाले परीक्षार्थियों को फायदा
इसी तरह लिखित परीक्षा की बात की जाए तो पुराने कोर्स की पढ़ाई करने वाले वे छात्र शामिल होंगे, जो सत्र 2017-2018 में श्रेणी सुधार के लिए 12वीं कक्षा की पढ़ाई कर रहे हैं और पर्यावरण की लिखित परीक्षा देने का मौका स्टूडेंट्स को मुख्य परीक्षा के साथ ही दिया जाएगा। क्योंकि श्रेणी सुधार की बात करें तो नियमानुसार जो छात्र श्रेणी सुधार करना चाहते हैं। उन्हें दो साल में से किसी एक ही सत्र में परीक्षा देने का मौका मिलता है और पिछले सत्र 2018-2019 के पाठ्यक्रम (ह्य4द्यद्यड्डड्ढह्वह्य) में बदलाव के बाद से प्रैक्टिकल परीक्षा आयोजित हो रही है। यानि देखा जाए तो लिखित परीक्षा इस सत्र आखिरी बार आयोजित हो रही है। इस सत्र के बाद पर्यावरण विषय पर प्रैक्टिकल परीक्षाएं ही आयोजित होंगी और सत्र 2019 के बाद से लिखित परीक्षाएं बंद हो जाएंगी।