मंत्री बोले- हाथी अभयारण्य की जरूरत नहीं
नेता प्रतिपक्ष टी.एस. सिंहदेव ने घने वनक्षेत्रों में खनन की अनुमति पर सवाल खड़े किए। उनका कहना था, इन गतिविधियों की वजह से हाथी आबादी की तरफ आ रहा है। उन्होंने पूछा कि सरकार पुराने प्रस्ताव के अनुरूप लेमरु में हाथी अभयारण्य घोषित करेगी। वन मंत्री महेश गागड़ा का कहना था, तमोर-पिंगला में एक रेस्क्यू सेंटर बनाया जा रहा है। हाथी तो विचरण करने वाला जीव है, उसके लिए हाथी अभयारण्य की जरूरत नहीं है।
मुआवजा बढ़ाने की भी उठी मांग
विधायक अमरजीत भगत ने मुआवजा बढ़ाने की मांग की। उनका कहना था, हाथी के हमले में मृत्यु पर १० लाख रुपए। मकान को नुकसान पर ३ लाख रुपए और फसल नुकसानी का मुआवजा ५० हजार रुपए एकड़ होना चाहिए। उन्होंने मोटर यान कानून की तरह घायल व्यक्तियों को ईलाज के लिए एकमुश्त २५ हजार रुपए देने और शेष का भुगतान बिल प्रस्तुत करने पर करने की मांग की।