भाजपा विधायकों ने कहा कि नियम के तहत 3 बजे से 5:30 बजे तक (निर्धारित ढ़ाई घंटे) अशासकीय संकल्पों पर चर्चा करवाई जाए। इस पर आसंदी ने व्यवस्था दी। मगर, विपक्ष ने हंगामा शुरू कर दिया। विपक्ष ने कहा कि सरकार बहुमत से डरा रही है…। सत्तापक्ष ने कहा, हमारे पास बहुमत है तो है…। अंत में कार्यवाही 10 मिनट के लिए स्थगित कर दी गई। विपक्ष ने नारेबाजी करते हुए बहिर्गमन कर दिया।
दरअसल, गुरुवार को गृहविभाग की अनुदान मांगों पर चर्चा करने के लिए विपक्ष को 30 मिनट का समय दिया था। मगर, भाजपा विधायक शिवरतन शर्मा 33 मिनट तक बोलते रहे। आसंदी ने उन्हें रोका। अध्यक्ष डॉ. चरण दास महंत ने कहा कि आप लोग नियम-कानून की बात करते हैं। इसके बाद विपक्ष ने सदन की कार्यवाही की बहिष्कार कर दिया। इन्हीं नियमों का हवाला देते हुए शुक्रवार दोपहर 2.57 बजे विपक्ष सदन में पहुंचा। मंत्री रविंद्र चौबे भाषण पढ़ रहे थे।
बीजेपी विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि अब सदन नियम से चलने लगा है, तो 3 बजे आशासकीय संकल्प पर चर्चा कराएं। पहली बार नियमों से विधानसभा चल रही है, जबकि परंपराओं से चलती आई है। शिवरतन शर्मा ने कहा कि आपने नियमों के तहत 2 ही प्रश्न पूछने की अनुमति दी।
आखिरी ढ़ाई घंटे अशासकीय संकल्प के लिए हैं। इस पर मंत्री रविंद्र चौबे बोले- यह आसंदी पर आक्षेप है। तब बृजमोहन ने कहा, आप बहुमत से डराना चाहते हैं। शिवरतन ने कहा, आप सदन चला लीजिए। तभी वन मंत्री मो. अकबर बोले, हां, बिल्कुल चलाएंगे। हमारा बहुमत है। 5 मिनट तक हंगामा और शोर-शराबा चलता रहा।