scriptBlack Fungus Infection: ब्लैक फंगस के संक्रमण से निपटने छत्तीसगढ़ ने कसी कमर: CM भूपेश ने दिए ये सख्त निर्देश | CG CM Bhupesh directs official to prepare for Black Fungus treatment | Patrika News
रायपुर

Black Fungus Infection: ब्लैक फंगस के संक्रमण से निपटने छत्तीसगढ़ ने कसी कमर: CM भूपेश ने दिए ये सख्त निर्देश

Black Fungus Infection: मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (CM Bhupesh Baghel) ने प्रदेश में ब्लैक फंगस के संक्रमण (Black Fungus Infection) होने की जानकारी को गंभीरता से लिया है।

रायपुरMay 12, 2021 / 05:14 pm

Ashish Gupta

black_fungus_in_cg.jpg
रायपुर. छत्तीसगढ़ में कोरोना संक्रमण के बीच म्यूकोरमाइकोसिस (Mucormycosis) का संकट गहराते ही मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (CM Bhupesh Baghel) ने संक्रमण होने की जानकारी को गंभीरता से लिया है। उन्होंने छत्तीसगढ़ के सभी जिलों में ब्लैक फंगस के उपचार (Black Fungus Treatment) के लिए सभी जरूरी दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित कराने के निर्देश स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को दिये हैं। वर्तमान मेें छत्तीसगढ़ राज्य में ब्लैक फंगस का संक्रमण (Black Fungus Infection) होने की जानकारी प्राप्त हो रही है। जिसके रोकथाम के लिए पोसाकोनाजोल एवं एम्फोटेरसिन-बी औषधियों की आवश्यकता होती है, जिसकी नियमित एवं विधिवत् आपूर्ति किया जाना अतिआवश्यक है।
मुख्यमंत्री के निर्देशों के परिपालन में छत्तीसगढ़ के खाद्य एवं औषधि प्रशासन नियंत्रक ने सभी जिलों में पदस्थ औषधि निरीक्षकों को अपने जिलों में औषधि पोसाकोनाजोल एवं एम्फोटेरेसिन-बी (समस्त डोसेज फाॅर्म, टेबलेट, सीरप, इंजेक्शन एवं लाइपोसोमल इंजेक्शन) की उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश जारी किये हैं। खाद्य एवं औषधि प्रशासन नियंत्रक ने औषधि निरीक्षकों को निर्देशित किया है, कि वे अपने-अपने कार्यक्षेत्र के भीतर समस्त होलसेलर, स्टाॅकिस्ट, सीएंडएफ से उक्त औषधियों की वर्तमान में उपलब्ध मात्रा की जानकारी प्रतिदिन प्राप्त करें। औषधि निरीक्षक अपने क्षेत्र के सभी औषधि प्रतिष्ठानों को इस संबंध में आवश्यक निर्देश जारी करें।

यह भी पढ़ें: कोरोना के बीच ब्लैक फंगस का खतरा: मरीजों की तेजी से बढ़ रही है संख्या, जानें लक्षण और बचाव

म्यूकोरमाइकोसिस होने की वजह
विशेषज्ञों की मानें तो डायबिटीज पीड़ितों को स्टेरॉयड नहीं दिया जाता है, लेकिन कोरोना संक्रमण के कारण इन्हें बड़ी मात्रा में दी जा रही है। स्टेरॉयड के ज्यादा इस्तेमाल से मरीज की इम्युनिटी कमजोर हो जाती है और यह फंगस शरीर के अंगों पर हमला कर देता है। कोविड को मात दे चुके लोगों की यदि बार-बार नाक बंद होती हो या नाक से पानी निकलता है, गालों पर काले या लाल चकते दिखने लगें, चेहरे के एक तरफ सूजन हो या सुन्न पड़ जाए, दांतों और जबड़े में दर्द, आंखों से कम दिखाई दे या सांस लेने में तकलीफ हो तो तुरंत डॉक्टर से परामर्श लेकर इलाज शुरू करना चाहिए।

यह है प्रमुख लक्षण
– नाक बंद, दर्द या सूजन।
– दांत या जबड़े में दर्द या गिरना।
– आंखों का भारी प्रतीत होना तथा लाल होना, सामने धुंधलापन।
– आंखों के नीचे सुन्न महसूस होना।
– नाक में काले रंग का डिस्चार्ज हो।

यह भी पढ़ें: कोरोना संक्रमण के बीच छत्तीसगढ़ से अच्छी खबर: राज्य में संक्रमण दर में बड़ी गिरावट, अब रह गए इतने मरीज

ऐसे कर सकते हैं बचाव
आंबेडकर अस्पताल के ईएनटी विभाग के नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. संतोष पटेल के मुताबिक, लोगों को चाहिए कि एहतियात बरतते हुए पहले कोरोना संक्रमण से बचे रहें। यदि वह किसी प्रकार संक्रमित हो भी जाते हैं और उनका इलाज अस्पताल में वेंटिलेटर पर ज्यादा दिनों तक हुआ है तो वह ठीक होने के बाद लगातार फॉलोअप कराते रहें। सामान्य कोरोना के मरीजों को भी चाहिए कि वह निरंतर डॉक्टरों से सलाह लेते रहें। यदि सांस लेने में थोड़ी भी समस्या या आंख में भारीपन महसूस होता है तो तुरंत डॉक्टर से मिलें।

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो