नियमों के पालन की आदत डाल लें
कोरोना की रफ्तार से स्पष्ट है कि हमें अपनी आदतों में सुधार करने की सख्त जरूरत है। जैसे- मॉस्क का नियमित इस्तेमाल, सोशल और फिजिकल डिस्टेंसिंग का पालन करना, बेवजह घरों से बाहर न निकलना और सैंपल देने के बाद रिपोर्ट आने तक खुद को आईसोलेट रखना। अगर हम ऐसा नहीं करेंगे तो आज नहीं कल संक्रमित होने तय है।
रिकवरी रेट में सुधार क्योंकि होम आइसोलेशन का विकल्प खुला
प्रदेश में डेढ़ महीने पहले तक सभी संक्रमित मरीजों को लक्षणों के आधार पर कोविड19 हॉस्पिटल या फिर कोविड केयर सेंटर में भर्ती करवाया जाता था। तब होम आइसोलेशन का विकल्प नहीं खोला गया था। मगर, एकाएक मरीजों की संख्या बढऩे पर होम आइसोलेशन की सुविधा दी गई। आज 26 हजार मरीज होम आइसोलेशन में रहते हुए स्वस्थ हो चुके हैं। होम आइसोलेशन की वजह से अब रिकवरी रेट 70 प्रतिशत से अधिक जा पहुंचा है, जो 46 तक लुढ़क गया था।
15 अक्टूबर तक आ सकता है पीक
मई में सितंबर तक 60 हजार कोरोना संक्रमित मरीजों का पूर्वानुमान बताने वाले पं. जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज के पीएसएम विभागाध्यक्ष डॉ. निर्मल वर्मा का कहना है कि 15 अक्टूबर तक या उससे बाद पीक आ सकता है। वे कहते हैं कि लॉकडाउन की वजह से वायरस का ‘नेचुरल ट्रांसमिशन’ बाधित होता है। अगर, लॉकडाउन बार-बार न लगता तो पीक संभवत: आ गया होता। डॉ. वर्मा मानते हैं कि जिस तरह से दुर्ग, बिलासपुर, रायगढ़ में मरीज मिल रहे हैं। इससे संकेत हैं कि कोरोना का दायरा बढ़ रहा है। संक्रमण के फैलाव को रोकना जरूरी है।