50 प्रतिशत आबादी को सुरक्षा टीका
ओमिक्रान के खतरे के बीच अच्छी खबर यह है कि राज्य की लक्षित आबादी में से 50 प्रतिशत को कोरोना वैक्सीन के दोनों डोज लगा चुके हैं। रविवार को राज्य ने यह आंकड़ा पार कर लिया। भले ही यह एक उपलब्धि हो, मगर जब तक शेष 50 प्रतिशत आबादी और कवर नहीं हो जाती और 18 वर्ष से कम आयुवर्ग के किशोर-बच्चों को टीके नहीं लग जाते, कोरोना का खतरा मंडराता रहेगा।
ओमिक्रान के खतरे के बीच अच्छी खबर यह है कि राज्य की लक्षित आबादी में से 50 प्रतिशत को कोरोना वैक्सीन के दोनों डोज लगा चुके हैं। रविवार को राज्य ने यह आंकड़ा पार कर लिया। भले ही यह एक उपलब्धि हो, मगर जब तक शेष 50 प्रतिशत आबादी और कवर नहीं हो जाती और 18 वर्ष से कम आयुवर्ग के किशोर-बच्चों को टीके नहीं लग जाते, कोरोना का खतरा मंडराता रहेगा।
यह भी पढ़ें: ओमिक्रान को लेकर सरकार ने लिया बड़ा फैसला, यात्रियों को दिखाना होगा अब वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट उधर, केंद्र सरकार ने सभी राज्यों को नवंबर में शत प्रतिशत आबादी को पहला डोज और दिसंबर में शत प्रतिशत आबादी को दोनों लगाने के निर्देश दिए हैं। नवंबर में राज्य में 90 प्रतिशत आबादी को पहला डोज लग गया, मगर जिस रफ्तार से दिसंबर में टीकाकरण हो रहा है। शत प्रतिशत आबादी को दोनों डोज लग पाना नामुमकिन है।
रविवार को सिर्फ 65 हजार डोज लगे। हालांकि राज्य स्वास्थ्य विभाग की तरफ से प्रयास जारी हैं। धान खरीदी केंद्रों में टीकाकरण केंद्र बनाए गए हैं। मौजूदा आंकड़ों के मुताबिक 99.67 लाख लोगों को कोरोना वैक्सीन के दोनों डोज लग चुकी है। वहीं 1.79 करोड़ को पहला डोज भी। 4 दिसम्बर तक 2.78 करोड़ डोज लगाए जा चुके हैं। राज्य की लक्षित आबादी 1.97 करोड़ है।
कोविशील्ड भी एक बड़ी वजह
कोविशील्ड भी टीकाकरण के पीछे होने की एक वजह है। राज्य की 90 प्रतिशत आबादी को कोविशील्ड की ही वैक्सीन लगी। इस वैक्सीन की पहली डोज के बाद दूसरी डोज का समय 12 से 16 हफ्ते होता है। यानी अगर आज किसी व्यक्ति को वैक्सीन लगी तो उसका नंबर 3 से 4 महीने के बाद आएगा। यही वजह है कि दूसरी डोज लगवाने वालों का प्रतिशत कम है। हालांकि शुरुआत में राज्य सरकार ने कोवैक्सीन को लेकर आपत्ति दर्ज करवाई थी, जिसका एक से दूसरे डोज के बीच महज 28 दिन का अंतर है।
कोविशील्ड भी टीकाकरण के पीछे होने की एक वजह है। राज्य की 90 प्रतिशत आबादी को कोविशील्ड की ही वैक्सीन लगी। इस वैक्सीन की पहली डोज के बाद दूसरी डोज का समय 12 से 16 हफ्ते होता है। यानी अगर आज किसी व्यक्ति को वैक्सीन लगी तो उसका नंबर 3 से 4 महीने के बाद आएगा। यही वजह है कि दूसरी डोज लगवाने वालों का प्रतिशत कम है। हालांकि शुरुआत में राज्य सरकार ने कोवैक्सीन को लेकर आपत्ति दर्ज करवाई थी, जिसका एक से दूसरे डोज के बीच महज 28 दिन का अंतर है।
यह भी पढ़ें: सावधान! दोनों डोज के बाद बढ़ रहा कोरोना संक्रमण, हो रहीं मौतें, डॉक्टरों ने बताई ये खतरनाक वजह इधर, सिंहदेव ने केंद्र को भेजा रिमाइंडर
स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने भविष्य के खतरे को भांपते हुए केंद्र सरकार को बीते दिनों पत्र लिखकर दोनों डोज लगवा चुके लोगों के लिए बूस्टर डोज की मांग की थी। खासकर हेल्थ केयर वर्कर और बुजुर्गों के लिए। सिंहदेव का मानना है कि अब वैक्सीन का इफैक्ट कम हो रहा है।
स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने भविष्य के खतरे को भांपते हुए केंद्र सरकार को बीते दिनों पत्र लिखकर दोनों डोज लगवा चुके लोगों के लिए बूस्टर डोज की मांग की थी। खासकर हेल्थ केयर वर्कर और बुजुर्गों के लिए। सिंहदेव का मानना है कि अब वैक्सीन का इफैक्ट कम हो रहा है।
रायपुर- 2- 158215, छत्तीसगढ़- 25- 1006967
प्रदेश में अब तक
कुल संक्रमित- 10,06,967
डिस्चार्ज- 9,93,044
एक्टिव- 330
मौतें- 13,593
जांच- 15,100
प्रदेश में अब तक
कुल संक्रमित- 10,06,967
डिस्चार्ज- 9,93,044
एक्टिव- 330
मौतें- 13,593
जांच- 15,100