भाजपा-कांग्रेस आजमा रहे हैं अपने-अपने दावं
प्रत्याशियों की घोषणा के बाद अब कांग्रेस और भाजपा चुनाव जीतने के लिए अपने-अपने दावं आजमा रहे हैं। चुनाव प्रचार को लेकर पार्टी पदाधिकारी और कार्यकर्ताओं में मंथन चल रहा है। वहीं आम आदमी पार्टी और जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ भी चुनाव की तैयारी में लग रही है। डॉ. विमल चोपड़ा भी अपनी तैयारी शुरू कर दी है।
मुद्दों पर भारी जातिगत समीकरण
हर बार महासमुंद का विधानसभा चुनाव चर्चा में रहा है। यहां हमेशा की तरह इस बार भी मुद्दों से ज्यादा जातिगत समीकरण से जीत का रास्ता खुलेगा। देखा जाए तो साहू समाज के वोटर्स यहां ज्यादा हैं। बताया जाता है कि अन्य पिछड़ा वर्ग के 50 फीसदी वोटर्स हैं। इनमें से 20 फीसदी वोटर्स साहू समाज के हैं। दूसरे नंबर पर यादव समाज के 12 फीसदी मतदाता हैं। अनुसूचित जनजाति वोटर्स 17 फीसदी हैं, जिसमें गोंड़ समाज के 12 प्रतिशत मतदाता हैं। अनुसूचित जाति के 11 प्रतिशत, जिसमें सतनामी समाज के 10 फीसदी वोटर्स हैं। वहीं सामान्य वर्ग के 22 फीसदी मतदाता हैं। यही वोटर्स प्रत्याशियों की हार-जीत तय करेंगे। पिछले चुनाव में भाजपा और कांग्रेस का समीकरण बिगाडक़र निर्दलीय प्रत्याशी डॉ. विमल चोपड़ा फतह हासिल की।
पूनम पर भरोसा, कांग्रेस में 30 साल बाद बदलाव
पिछले विधानसभा चुनाव में तीसरे स्थान पर रहे पूनम चंद्राकर को टिकट देकर भाजपा ने संतुलन बनाने की कोशिश की है। भाजपा ने अंतिम समय पर पूनम चंद्राकर पर दावं खेला और डॉ. विमल चोपड़ा के भाजपा वापसी के सारे दरवाजे बंद हो गए। डॉ. चोपड़ा ने निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में नामांकन दाखिल किया है। अभी वर्तमान में चुनाव की जो तस्वीर उभरकर सामने आ रही है, उससे यह तय कर पाना संभव नहीं है कि भाजपा का निर्णय सही है या गलत। वहीं कांग्रेस ने तीन बार विधायक रहे अग्नि चंद्राकर को छोडक़र विनोद चंद्राकर को अपना प्रत्याशी बनाया है।