ग्रामीण क्षेत्र में बेहतर प्रदर्शन
प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) क्रियान्वयन में छत्तीसगढ़ ने पूरे देश में बहुत बेहतर स्थिति में खड़ा। अप्रैल 2018 में आठ सूचकांकों की रैकिंग में छत्तीसगढ़ अव्वल था। राज्य को तीन लाख 39 हजार आवास निर्माण का टॉरगेट दिया गया। यहां तीन लाख आवास बना लिए गए थे। पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के अधिकारियों ने मुताबिक छत्तीसगढ़ को वर्ष 2019 तक 6.23 लाख आवास निर्माण का लक्ष्य दिया गया था। राष्ट्रीय स्तर पर उत्कृष्ट कार्य निष्पादन के आधार पर राज्य को अतिरिक्त लक्ष्य दिया गया है।
51 झुग्गी बस्तियों को हटाने की तैयारी
नगरीय प्रशासन विभाग के सचिव डॉ. रोहित यादव के मुताबिक प्रदेश रायपुर, बिलासपुर, राजनांदगांव, भिलाई, दुर्ग, भिलाई-चरौदा, जगदलपुर, धमतरी, रायगढ़, अम्बिकापुर और बिरगांव नगरीय निकायों के 51 झुग्गी बस्तियां शासकीय भूमि में अतिक्रमण करके बसी हैं। उन्हें अलग स्थानों पर प्रधानमंत्री आवास बनाकर वहां बसाया जाएगा। अतिक्रमण मुक्त कराई गई जमीन पर वृक्षारोपण और आवश्यकता के अनुसार निर्माण कार्य कराएं जाएंगे।
अफसरों के कारण लंबित है प्रकरण
बताया जाता है कि पीएम आवास योजना में पिछडऩे की सबसे बड़ी वजह अफसरों की लापरवाही है। ज्यादातर निकायों में हितग्राहियों के भवन अनुज्ञा पत्र लंबित होने की वजह से निर्माण कार्य शुरू नहीं हो पा रहा है। नगर पंचायत शिवरीनारायण, खरौद और नगर पंचायत राहौद में आवास निर्माण की धीमी गति को लेकर नगरीय प्रशासन विभाग ने फटकार लगाकर जिम्मेदार अधिकारियों के नाम भी मांगे हैं। वहीं केंद्र से डीपीआर में स्वीकृति में होने वाली देरी की वजह से भी निर्माण का काम प्रभावित हो रहा है।
यात्रा में प्रमुख मांग
सीएम डॉ. रमन सिंह ने 12 मई से 11 जून तक विकास यात्रा निकाली थी। सीएम ने अपने अनुभव साझा करते हुए बताया था कि इसमें सबसे अधिक मांग मकान की ही आ रही है। ऐसे में शहरी क्षेत्रों में मकानों के निर्माण में हो रही देरी का खामियाजा सरकार को भुगतना पड़ सकता है।