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महज इत्तेफाक नहीं, सरकारी पैसे हड़पने की एक सोची समझी साजिश है मंडी बोर्ड घोटाला

locationरायपुरPublished: Jun 28, 2022 05:11:42 pm

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CG Desk

14 जून को मंडी बोर्ड के एमडी ने एक्सिस बैंक के अधिकारियों को बुलाकर मामले की जानकारी दी थी। इसके बाद बैंक अधिकारियों ने जांच की और मामले की शिकायत मुजगहन थाने में की गई। शिकायत मिलते ही पुलिस ने आरोपी की तलाश शुरू कर दी।
 

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रायपुर. छत्तीसगढ़ राज्य कृषि मंडी बोर्ड के 16 करोड़ से अधिक की ठगी का मामला महज एक इत्तेफाक नहीं है, बल्कि सरकारी पैसा को हड़पने की एक सोची-समझी साजिश है। मामले में विभागीय अधिकारियों की कई ऐसी लापरवाहियां सामने आई है, जो सामान्य परिस्थितियों में नहीं होती है। सूत्रों के मुताबिक मंडी बोर्ड के अधिकारियों को जिस दिन अज्ञात व्यक्ति ने ईमेल और कॉल करके फर्जीवाड़े की जानकारी दी थी, उसी दिन कथित मास्टरमाइंड सत्यनारायण वर्मा उर्फ सतीश वर्मा और उसके साथी रायपुर छोड़कर भाग निकले थे।

उल्लेखनीय है कि 14 जून को मंडी बोर्ड के एमडी ने एक्सिस बैंक के अधिकारियों को बुलाकर मामले की जानकारी दी थी। इसके बाद बैंक अधिकारियों ने जांच की और मामले की शिकायत मुजगहन थाने में की गई। शिकायत मिलते ही पुलिस ने वर्मा की तलाश शुरू कर दी। उल्लेखनीय है कि एक्सिस बैंक में खाता एमडी भुवनेश यादव और लेखाधिकारी केसी शर्मा ने खुलवाया था। दस्तावेजों में उन्हीं के हस्ताक्षर हैं। इस बीच मंडी बोर्ड में आना-जाना करने वाले सतीश वर्मा और उसके सहयोगियों ने फर्जीवाड़ा करके मंडी बोर्ड के 16 करोड़ 40 लाख 12 हजार 655 रुपए हड़प लिए।

सोमवार को पुलिस ने पकड़े गए सौरभ मिश्रा व उसके साथियों ने जिन बैंक खातों में रकम ट्रांसफर किया था, उसकी जानकारी ली। खाताधारकों से आरोपियों के संबंध के बारे में पूछताछ की। बैंक अधिकारियों से भी पूछताछ की गई। मंडी बोर्ड का पैसा हड़पने ऑनलाइन ठगों की तरह साजिश की गई थी। सौरभ और उसके साथियों ने पूरी राशि पहले 13 बैंक खातों में ट्रांसफर किया। फिर इन 13 बैंक खातों से 50 से ज्यादा बैंक खातों में ट्रांसफर कर दिया गया। फिर इस राशि का आहरण कर लिया गया है। सभी बैंक खाते दूसरों के नाम पर हैं। और ये बैंक खाते अलग-अलग शहरों में हैं। पुलिस की टीम ने जिन बैंक खातों का पता चला उसे होल्ड कराया। और बाकी के लिए हैदराबाद में पकड़े गए सतीश और सांई प्रवीण रेड्डी से पूछताछ कर रही है। पुलिस की एक टीम दिल्ली, मुंबई और अन्य बड़े शहरों के बैंक खाताधारकों का पता लगा रही है।

अनदेखी या साजिश
एक्सिस बैंक में जो खाता खोला गया था, उसमें बोर्ड के एमडी, लेखाधिकारी केसी शर्मा का मोबाइल नंबर जुड़ा था। इसके अलावा आरोपी सतीश वर्मा का मोबाइल नंबर भी इसमें जोड़ा गया था। मजे की बात है कि जिस दिन मंडी बोर्ड ने अपने 60 करोड़ रुपए एक्सिस बैंक में जमा करवाए थे, उस दिन खाते से जुड़े मोबाइल नंबर में अलर्ट मैसेज आया होगा। अगर सतीश ने बैंक मैनेजर संदीप से मिलीभगत करके अपने मोबाइल नंबर को जुड़वा लिया होगा, तो उस दिन का मैसेज बोर्ड अधिकारियों के मोबाइल में न आकर सतीश के मोबाइल पर चला गया होगा। उस समय भी बोर्ड के अधिकारियों ने आपत्ति क्यों नहीं की और बैंक में अपने मोबाइल नंबर अपडेट क्यों नहीं कराया?

बचने की कोशिश में अधिकारी
इस संबंध में मंडी बोर्ड के लेखाधिकारी केसी शर्मा से संपर्क किया गया। और मामले के संबंध में पूछा, तो उन्होंने कुछ भी कहने से इनका कर दिया। इसी तरह एक्सिस बैंक की ओर एफआईआर कराने वाले क्लस्टर हेड बी आनंद ने भी मामले से अपना पल्ला झाड़ते हुए खुद को आथराइज्ड नहीं होना बताया। वहीं दूसरी ओर रायपुर एसएसपी प्रशांत अग्रवाल ने कहा पुलिस मामले की हर एंगल से जांच कर रही है। पकड़े गए आरोपियों से पूछताछ करके उन खातों का पता लगाया जा रहा है, जहां राशि ट्रांसफर की गई है।

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