उन्होंने उपलब्धियां गिनाते हुए बताया कि स्मार्ट शहर के रूप में तेजी से विकसित हो रहे नया रायपुर में वर्ष 2030 तक पांच लाख आबादी को बसाहट देने का लक्ष्य है। नया रायपुर में मंत्रालय और विभागाध्यक्ष भवनों सहित कई सरकारी दफ्तरों के भवनों और कई आवासीय कालोनियों का निर्माण किया गया है। परिवहन विभाग द्वारा आम जनता की सुविधा के लिए राज्य में सभी चेक पोस्ट खत्म कर दिए गए हैं और सभी जिला परिवहन कार्यालयों का कम्प्यूटरीकरण करते हुए उन्हें ऑनलाइन कर दिया गया है। पर्यावरण सुधार की दृष्टि से ई-रिक्शों को बढ़ावा दिया जा रहा है। उन्होंने यह भी बताया कि राज्य सरकार ने ई-रिक्शों को परिवहन टैक्स से पांच वर्ष के लिए छूट देने का भी निर्णय लिया है।
मूणत ने कहा – लोक निर्माण विभाग द्वारा प्रदेश के सभी 27 जिलों में जनसुविधाओं की दृष्टि से विभिन्न प्रकार के निर्माण कार्य युद्ध स्तर पर करवाए जा रहे हैं। नक्सल क्षेत्रों में लोक निर्माण विभाग को जनता के लिए अधोसंरचनाओं के विकास में लगातार कामयाबी मिल रही है। सुकमा जिले में दोरनापाल-चिंतलनार सड़क और शबरी नदी पर 500 मीटर पुल निर्माण इसका एक बड़ी उदाहरण है।
मूणत ने बताया कि नक्सल प्रभावित बस्तर अंचल के सुदूरवर्ती क्षेत्रों में अब तक 1890 किलोमीटर सड़कों का निर्माण पूर्ण कर लिया गया है और वामपंथी उग्रवाद प्रभावित इलाकों के लिए केन्द्रीय योजना (एल.डब्ल्यू. ई. योजना) के तहत 1326 किलोमीटर सड़कें बनायी जा चुकी है। बस्तर अंचल में ही 138 नग पुलों का निर्माण किया गया है।
मूणत ने यह भी बताया कि छत्तीसगढ़ में 1962 किलोमीटर सड़कों को राजमार्ग और 12432 किलोमीटर सडकों को मुख्य जिला मार्ग घोषित किया गया है। मूणत ने बताया कि मुख्यमंत्री डॉ.
रमन सिंह ने वर्ष 2007 में दो और वर्ष 2012 में नौ नए जिलों का निर्माण किया, जिनमें कलेक्टोरेट भवन, सरकारी कर्मचारियों के लिए आवास गृह और ट्रांजिट हास्टल आदि के निर्माण के साथ-साथ इन सभी जिला मुख्यालयों को राष्ट्रीय राजमार्गों से भी जोड़ा गया।
मंत्री मूणत ने गिनाई ये उपलब्धियां
– 14 वर्षों में बने 995 बड़े पुल
– आवास क्रांति की दिशा में अभूतपूर्व कार्य
– लोक निर्माण विभाग के बजट में 34 गुना वृद्धि
– अब तक 324 करोड़ के 15 रेलवे ओवर ब्रिजों का निर्माण पूर्ण
– अब पांच करोड़ से ज्यादा के सभी टेंडरों के लिए ई-प्रोक्योरमेंट प्रणाली
– छत्तीसगढ़ के चार हजार से ज्यादा बेरोजगार इंजीनियरों व
राजमिस्त्रियों को दिए गए एक हजार करोड़ से ज्यादा के काम