राजिम माघी पुन्नी मेला में सांस्कृतिक मंच पर चौधे दिन 10 वर्षीय बालिका आरू साहू के गीतों ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। कक्षा 6वीं की छात्रा आरू साहू ने छत्तीसगढ़ी वंदना गीत ‘अरपा पैरी की धार, महानदी हे अपार, जगमग जोत जले और जस गीत व धनी बिना जग लागे सून्ना रेÓ गीत गाकर दर्शकों का दिल जीत लिया।
छत्तीसगढ़ है अलबेला, तरी हरी ना ना, मुनगा के डारा, उसके बाद छत्तीसगढ़ी फिल्म हंस झन पगली फंस जबे के गीत मीठ मीठ लगे माया के बानी की गीत की प्रस्तुति दी। इस दौरान मंच पद्मश्री से सम्मानित डॉ. ममता चन्द्राकर और प्रेम चन्द्राकर ने आरू साहू के साथ मंच पर अपनी शानदार प्रस्तुति दी। जिस पर दर्शक भी झुमने लगे। आरू साहू ने अंत में पुरानी फिल्म के गीत ‘तेरे जैसा यार कहाÓ की प्रस्तुति दी।
छत्तीसगढ़ है अलबेला, तरी हरी ना ना, मुनगा के डारा, उसके बाद छत्तीसगढ़ी फिल्म हंस झन पगली फंस जबे के गीत मीठ मीठ लगे माया के बानी की गीत की प्रस्तुति दी। इस दौरान मंच पद्मश्री से सम्मानित डॉ. ममता चन्द्राकर और प्रेम चन्द्राकर ने आरू साहू के साथ मंच पर अपनी शानदार प्रस्तुति दी। जिस पर दर्शक भी झुमने लगे। आरू साहू ने अंत में पुरानी फिल्म के गीत ‘तेरे जैसा यार कहाÓ की प्रस्तुति दी।