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नरवा, गरवा, घुरवा और बाड़ी पर आधारित रेत से बनाई मूर्ति

locationरायपुरPublished: Feb 14, 2020 04:49:56 pm

Submitted by:

Gulal Verma

आरू साहू के गीतों ने दर्शकों का दिल जीत लिया

नरवा, गरवा, घुरवा और बाड़ी पर आधारित रेत से बनाई मूर्ति

नरवा, गरवा, घुरवा और बाड़ी पर आधारित रेत से बनाई मूर्ति

नवापारा राजिम। राजिम माघी पुन्नी मेला में तामासिवनी के रेत कलाकार हेमचंद साहू द्वारा रेत पर छत्तीसगढ़ के चार चिन्हारी नरवा, गरवा, घुरवा और बाड़ी का प्रतिमा बनाया है। जिसका शुभारंभ गरियाबंद कलेक्टर श्याम धावड़े, पुलिस अधीक्षक एमआर आहिरे, मुख्य कार्यपालन अधिकारी विनय कुमार लंगेह ने फीता काट कर किया। इस दौरान ओएसडी व समन्वयक गिरीश बिस्सा सहित स्थानीय जनप्रतिनिधि विकास तिवारी, संजय साहू, देवेन्द्र पाटकर, राजेश गिलहरे रेत कलाकार हेमचंद साहू आदि उपस्थित थे।
ज्ञात हो कि रेत से मूर्ति बनाने के हुनर में माहिर हेमचंद साहू इसके पूर्व में भी राजिम मेला में आकर अपनी कला का प्रदर्शन कर चुके है। उनकी इस कला को राजिम मेला में आने वाले समस्त पर्यटक व श्रद्धालुओं के लिए आकर्षण का केन्द्र रहा है।
राजिम माघी पुन्नी मेला में सांस्कृतिक मंच पर चौधे दिन 10 वर्षीय बालिका आरू साहू के गीतों ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। कक्षा 6वीं की छात्रा आरू साहू ने छत्तीसगढ़ी वंदना गीत ‘अरपा पैरी की धार, महानदी हे अपार, जगमग जोत जले और जस गीत व धनी बिना जग लागे सून्ना रेÓ गीत गाकर दर्शकों का दिल जीत लिया।
छत्तीसगढ़ है अलबेला, तरी हरी ना ना, मुनगा के डारा, उसके बाद छत्तीसगढ़ी फिल्म हंस झन पगली फंस जबे के गीत मीठ मीठ लगे माया के बानी की गीत की प्रस्तुति दी। इस दौरान मंच पद्मश्री से सम्मानित डॉ. ममता चन्द्राकर और प्रेम चन्द्राकर ने आरू साहू के साथ मंच पर अपनी शानदार प्रस्तुति दी। जिस पर दर्शक भी झुमने लगे। आरू साहू ने अंत में पुरानी फिल्म के गीत ‘तेरे जैसा यार कहाÓ की प्रस्तुति दी।
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