मनरेगा कार्य नहीं होने से कर्मचारी हो सकते हैं वेतन से वंचित
रायपुरPublished: Apr 09, 2020 03:56:45 pm
काम शुरू करने जिला पंचायत सीईओ के कड़े निर्देश
मनरेगा कार्य नहीं होने से कर्मचारी हो सकते हैं वेतन से वंचित
बलौदा बाजार। कोरोना संक्रमण का डर नगरीय ईलाकों से लेकर ग्रामीण इलाकों तक नजर आ रहा है, जिसकी वजह से मनरेगा के कार्य सर्वाधिक प्रभावित हो रहे हैं। राज्य शासन ने सोशल डिस्टेंसिंग सहित कोविद प्रोटोकाल का पालन कर मनरेगा के कार्य जारी रखने के निर्देश दिए हैं। बावजूद इसके जिले में मनरेगा के कार्यों की गति बहुत धीमी है। जिले में पंजीकृत मजदूरों की तुलना में दस प्रतिशत मजदूर भी कार्यस्थल में वर्तमान में नहीं पहुंच रहे हैं। मनरेगा के कार्यों की धीमी गति से कार्यों के अपूर्ण रहने के साथ ही साथ जिले के एक हजार से अधिक कर्मचारियों को वेतन मिलने में भी मुश्किल आ सकती है।
जिले में मनरेगा के कार्यों को तेज करने के लिए जिला पंचायत के सीईओ ने मनरेगा के तहत गांवों में श्रम मूलक कार्यों को तत्काल शुरू करने के निर्देश दिए हैं। निर्देश में कहा गया है कि सोशल डिस्टेंसिंग सहित कोविद प्रोटोकॉल के अंतर्गत काम जारी रखने में कोई अड़चन नहीं है। राज्य शासन के भी इस संबंध स्पष्ट निर्देश हैं। मनरेगा कार्यों की प्रगति का यह उचित समय भी है। यदि वर्तमान में काम आगे नहीं बढ़ पाया तो इस योजना के अंतर्गत काम करने वाले लगभग 1 हजार कर्मचारियों को वेतन के लाले पड़ सकते हैं। क्योंकि मनरेगा खर्च के अनुपात में ही उसका एक निश्चित हिस्सा वेतन और प्रशासनिक कार्यों में खर्च किया जा सकता है। कर्मचारियों के वेतन और प्रशासनिक कार्यो के लिए नियमों में अलग से राशि का प्रावधान नहीं होता है।
फिलहाल सभी ग्राम पंचायतों में रोजग़ार सहायक, जनपदों में तकनीकी सहायक, कंप्यूटर ऑपरेटर, एपीओ आदि कर्मचारी कार्यरत हैं। सीईओ ने बताया कि जिले में मनरेगा के अंतर्गत लगभग 4.5 लाख श्रमिक पंजीकृत हैं। कोरोना संक्रमण और लॉकडाउन के चलते सप्ताह भर से केवल 2 हजार श्रमिक प्रतिदिन काम में आ रहे हैं। सभी सरपंचों और पंचायत जनप्रतिनिधियों को मनरेगा के काम जारी रखने कहा है। उन्होंने श्रमिकों को भी कोरोना से बचाव के उपायों को अपनाते हुए काम में आने की अपील की है।