मुख्यद्वार पर लगाया थर्मल स्क्रीेनिंग
पर्यटकों की जांच करने के लिए जंगल सफारी प्रबंधन ने मुख्यद्वार पर थर्मल स्क्रीनिंग करने के लिए कर्मचारियों को लगाया था। सुरक्षा के मद्देनजर पर्यटकों को सफारी परिसर में खाना और कोल्डड्रिक ले जाने से मना कर दिया गया। साथ ही पर्यटकों की निगरानी सीसीटीवी कैमरों से की गई।
पर्यटकों की जांच करने के लिए जंगल सफारी प्रबंधन ने मुख्यद्वार पर थर्मल स्क्रीनिंग करने के लिए कर्मचारियों को लगाया था। सुरक्षा के मद्देनजर पर्यटकों को सफारी परिसर में खाना और कोल्डड्रिक ले जाने से मना कर दिया गया। साथ ही पर्यटकों की निगरानी सीसीटीवी कैमरों से की गई।
हर ट्रिप में वाहन को किया गया सेनिटाइज कोरोना संक्रमण के मद्देनजर एक बार में केवल १२ पर्यटकों को इंट्री दी गई। बस में ४ ट्रिप में पर्यटकों को भेजा गया। पर्यटकों को बिठाने से पहले हर बार बस को सेनिटाइज किया गया। वन्य प्राणियों के बाड़े के बाहर पोटेशियम के घोल से बसों के पहियों को निकाला गया, ताकि संक्रमण बाड़े तक ना पहुंच सके।
आम दिनों में रोजाना पहुंचे हैं ४०० लोग
जंगल सफारी प्रबंधन के अधिकारियों की मानें तो कोरोनाकाल की वजह से पर्यटक कम संख्या मंे पहुंचे। आम दिनों में पर्यटकों की संख्या ३०० से ४०० के बीच होती है। वीकेंड और स्पेशल दिनों में हजारों की संख्या में पर्यटक जंगल सफारी में भ्रमण करने के लिए पहुंचते हैं।
जंगल सफारी प्रबंधन के अधिकारियों की मानें तो कोरोनाकाल की वजह से पर्यटक कम संख्या मंे पहुंचे। आम दिनों में पर्यटकों की संख्या ३०० से ४०० के बीच होती है। वीकेंड और स्पेशल दिनों में हजारों की संख्या में पर्यटक जंगल सफारी में भ्रमण करने के लिए पहुंचते हैं।
पुरखौती मुक्तांगन खोलने का आदेश नहीं
नवा रायपुर के पुरखौती मुक्तांगन कोरोना संक्रमण के चलते सौ दिनों से बंद है। प्रशासन ने इसे खोलने की अनुमति नहीं दी है। लिहाजा, यहां पहुंचने वाले पर्यटक बैरंग लौट रहे हैं।
नवा रायपुर के पुरखौती मुक्तांगन कोरोना संक्रमण के चलते सौ दिनों से बंद है। प्रशासन ने इसे खोलने की अनुमति नहीं दी है। लिहाजा, यहां पहुंचने वाले पर्यटक बैरंग लौट रहे हैं।
नेशनल जू अथॉरिटी और राज्य सरकार की गाइडलाइन को ध्यान में रखते हुए बुधवार से जंगल सफारी को पर्यटकों के लिए खोला गया है। पहले दिन ४३ पर्यटक सफारी परिसर घूमने के लिए पहुंचे थे। पर्यटकों ने सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पूरा ध्यान रखा और कर्मचारियों का सहयोग किया है।
– एम मर्सीबेला, डायरेक्टर, जंगल सफारी, नवा रायपुर