राजधानी की जीवनरेखा खारुन नदी के उत्तरी तट पर महादेवघाट शहर का सबसे बड़ा धार्मिक स्थान है। जहां हमेशा सावन मास में शिवभक्त महादेवघाट से जलभर कर भोलेबाबा का जलाभिषेक, दुग्धाभिषेक करते थे, लेकिन इस बार पाबंदी लगी रही। आस्था का मेला तो पहले जैसा ही दिखा, क्योंकि चौक से लेकर मंदिर तक चाट-फुल्की से लेकर बच्चों के खिलौने, हाथी झूला, महिलाओं के लिए सौदर्य प्रसाधन की दुकानें लगी हुई हैं। पूजन सामग्री की दुकानें भी मंदिर तक लगी हैं। जिनमें पहले से तैयार पॉलीथिन में बेलपत्र, पुष्प-धतूरा, नारियल, अगरबत्ती रखी हुई थैली २० से २५ रुपए में लेते थे, लेकिन बाबा हटकेश्वरनाथ को बिना अर्पण किए ही वापस लौटना पड़ता। वहीं, मंदिर परिसर में छोटे-छोटे शिव मंदिरों और घाट के करीब वटवृक्ष के नीचे भगवान शिव की मूर्ति का जलाभिषेक करने के लिए श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा।
गेट पर पूजन सामग्री रखा ली जाती, बंद रहा लक्ष्मण झूले का गेट महादेवघाट के शिव मंदिर के रास्ते के मुख्य दरवाजे पर ताला लगा हुआ था। खारुन नदी की तरफ वाले गेट से मंदिर में प्रवेश हुआ। जैसे ही भक्त पूजन सामग्री लेकर गेट पर पहुंचे तो सबसे पहले उसे डलिया में रखवा लिया गया। मास्क पर इतनी कड़ाई तो नहीं दिखी, परंतु थर्मल स्क्रीनिंग और सेनिटाइजर टनल से होकर एक बार में १०-१० लोगों को अंदर जाने की अनुमति मिली। मंदिर के मुख्य पुजारी सुरेश गोस्वामी ने बताया कि डलिया भर जाने पर वहीं छोटे शिव मंदिर में छुआ कर पूजन विधान भक्तों के तरफ से संपन्न कर देंगे। मंदिर में केवल दर्शन करने की ही अनुमति है। वहीं, खारुन की हिलोरती लहरों का नराजा देखने के लिए घाट की सीढि़यां भरी नजर आईं, परंतु लक्ष्मण झूूले का गेट बंद रहा।
बुढ़ेश्वर महादेव में भक्तों का जल पुजारियों ने चढ़ाया, मंदिर भी १२ बजे बंद प्राचीन बुढ़ेश्वर महादेव मंदिर में सेनिटाज करने के बाद ही चार-चार भक्तों को प्रवेश दिया गया। मास्क लगाए भक्त पूजन सामग्री और जलपात्र लेकर मंदिर में पहुंचे, लेकिन गर्भगृह में प्रवेश नहीं मिला। यहां पुजारी ही भक्तों के नाम से जलाभिषेक कर बेलपत्र, पुष्प, धतूरा, नारियल, फल अर्पित किए और भक्त देखते रहे। मुख्य पुजारी पं. महेश पांडेय ने बताया कि मंदिर सुबह ७ से दोपहर १२ बजे तक ही खुलेगा। फिर शाम को ४ बजे तक।
नरहरेश्वर महादेव : २४ घंटे खुला रहेगा नरहरेश्वर महादेव मंदिर में भक्तों को जलाभिषेक, दुग्धाभिषेक करने के साथ ही पुष्प-फल भी अर्पित करने दिया गया। सुबह का अभिषेक, शृंगार के बाद भक्तों के लिए पट खुला। फिर जलाभिषेक करने के लिए तांता लगा रहा। यहां के मुख्य पुजारी पं. देवचरण शर्मा ने बताया कि पूरे सावन मास में २४ घंटे मंदिर खुला रहेगा। सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराते हुए भक्तों से अभिषेक पूजन कराया जा रहा है। इसी तरह मठपारा में नील कंठेश्वर महादेव मंदिर में भी श्रद्धालुओं को जलाभिषेक करने और पुष्प-फल अर्पण की छूट थी।