गणित, इतिहास और विज्ञान में नहीं होनी चाहिए कटौती
जिले के शिक्षाविदों का कहना है कि सीबीएसई सब विषयों के सिलेबस में कटौती करता, लेकिन गणित, इतिहास और विज्ञान विषय के सिलेबस में कटौती नहीं करना चाहिए। ये विषय विद्यार्थी के कॅरियर को ऊंचाई मंे ले जाने के लिए मददगार साबित होता है। इन विषयों का अधूरा ज्ञान विद्यार्थियों को उनके भविष्य से भटका सकता है। सिलेबस शत-प्रतिशत पढ़ाने का पूरा समय था, लेकिन बोर्ड ने अभी की समस्या का हल निकालते हुए, विद्यार्थियों के भविष्य को संकट में डाल दिया।
जिले के शिक्षाविदों का कहना है कि सीबीएसई सब विषयों के सिलेबस में कटौती करता, लेकिन गणित, इतिहास और विज्ञान विषय के सिलेबस में कटौती नहीं करना चाहिए। ये विषय विद्यार्थी के कॅरियर को ऊंचाई मंे ले जाने के लिए मददगार साबित होता है। इन विषयों का अधूरा ज्ञान विद्यार्थियों को उनके भविष्य से भटका सकता है। सिलेबस शत-प्रतिशत पढ़ाने का पूरा समय था, लेकिन बोर्ड ने अभी की समस्या का हल निकालते हुए, विद्यार्थियों के भविष्य को संकट में डाल दिया।
थ्योरी पार्ट ही हटा है
सीबीएसई के निर्णय का सर्मथन करने वाले स्कूलों ने पत्रिका से चर्चा के दौरान कहा कि सीबीएसई का निर्णय छात्रहित में है। बोर्ड ने शिक्षाविदों से चर्चा करने के बाद हर विषय के उस पार्ट को सिलेबस से हटाया है, जो भविष्य में दूसरी क्लासों में विद्यार्थी पढ़ सकते हैं। वर्तमान स्थिति को देखते हुए बोर्ड का निर्णय बिल्कुल ठीक है।
सीबीएसई के निर्णय का सर्मथन करने वाले स्कूलों ने पत्रिका से चर्चा के दौरान कहा कि सीबीएसई का निर्णय छात्रहित में है। बोर्ड ने शिक्षाविदों से चर्चा करने के बाद हर विषय के उस पार्ट को सिलेबस से हटाया है, जो भविष्य में दूसरी क्लासों में विद्यार्थी पढ़ सकते हैं। वर्तमान स्थिति को देखते हुए बोर्ड का निर्णय बिल्कुल ठीक है।
सीबीएसई बोर्ड के निर्णय छात्रहित में नहीं है। जिस सिलेबस को बोर्ड ने कोर्स से बाहर किया है, वो सिलेबस विद्यार्थियों के कॅरियर को दिशा देता हैं। एक बार सिलेबस छूटने पर भविष्य में पढ़ा नहीं जा सकता। हम अपने सभी विद्यार्थियों को शत-प्रतिशत सिलेबस पढ़ाएंगे, ताकि भविष्य में उन्हें परेशानियों का सामना ना करना पड़े।
रघुनाथ मुखर्जी, प्राचार्य
डीपीएस
सीबीएसई बोर्ड द्वारा सिलेबस कम करने के निर्णय को वर्तमान परिस्थिति को देखते हुए स्वागत करते हैं। जिस सिलेबस को कोर्स से हटाया गया, वो थ्योरी पार्ट है और उसे भविष्य में विद्यार्थी पढ़ सकते हैं। छात्रहित के इस निर्णय का हम स्वागत करते हैं।
डीपीएस
सीबीएसई बोर्ड द्वारा सिलेबस कम करने के निर्णय को वर्तमान परिस्थिति को देखते हुए स्वागत करते हैं। जिस सिलेबस को कोर्स से हटाया गया, वो थ्योरी पार्ट है और उसे भविष्य में विद्यार्थी पढ़ सकते हैं। छात्रहित के इस निर्णय का हम स्वागत करते हैं।
आशुतोष सिंह, डायरेक्टर,
होली हाट्र्स स्कूल
होली हाट्र्स स्कूल