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शिवाजी पार्क रेसीडेंट के अंदर बिना मॉस्क प्रतिबंधित, गेट पर ही हैंडवॉश और सेनिटाइजर की व्यवस्था

locationरायपुरPublished: Jul 15, 2020 06:04:42 pm

Submitted by:

Gulal Verma

सरकार और स्वास्थ्य विभाग की तरफ से जारी गाइडलाइन का किया जाता है पालन

शिवाजी पार्क रेसीडेंट के अंदर बिना मॉस्क प्रतिबंधित, गेट पर ही हैंडवॉश और सेनिटाइजर की व्यवस्था

शिवाजी पार्क रेसीडेंट के अंदर बिना मॉस्क प्रतिबंधित, गेट पर ही हैंडवॉश और सेनिटाइजर की व्यवस्था

रायपुर। प्रदेश में कोरोना का ग्राफ तेजी से बढ़ रहा है। हाईरिस्क के अलावा प्राइमरी कॉन्टेक्ट वालों के संक्रमित होने से स्वास्थ्य विभाग की चिंता बढ़ गई है। संक्रमण को रोकने के लिए शासन-प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग जुटा हुआ है। स्वास्थ्य विभाग प्रदेशवासियों से अपील कर रहा है कि मास्क लगाकर ही बाहर निकलें तथा सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें, फिर भी कुछ लोग इसकी अनदेखी कर रहे हैं,जो काफी खतरनाक साबित हो सकता है। राजधानी की कुछ सोसायटियां रहवासियों को कोरोना संक्रमण से बचाने स्वास्थ्य विभाग की गाइडलाइन का बखूबी पालन कर रही हैं। इसमें से एक है विधानसभा रोड आमा सिवनी स्थित शिवाजी पार्क रेसीडेंट वेलफेयर एसोसिएशन सोसायटी। जहां पर सभी रहवासियों के लिए मास्क अनिवार्य कर दिया गया है। बिना मास्क अंदर जाना प्रतिबंधित किया गया है। मेन गेट पर ही हैंडवॉश करने और सेनिटाइजर की व्यवस्था की गई है। यदि कोई बाहरी व्यक्ति आाता है तो उसे पूरी तरह सेनिटाइज करने के बाद ही अंदर जाने की अनुमति दी जाती है।
शिवाजी पार्क रेसीडेंट के अंदर १६६ घर हंैै, जिनमें १६० परिवार निवासरत हैं। मेन गेट पर सुरक्षागार्ड तैनात किए गए हैं, जो आने-जाने वालों पर कड़ी निगरानी रखते हैं। गेट पर एक रजिस्टर रखा हुआ है, जिसमें आने-जाने वालों की एंंट्री की जाती है। वाहन से आने-जाने वालों की भी जांच होती है कि वे मास्क लगाए हैं कि नहीं। यदि कोई पकड़ा जाता है तो उसे मास्क लगाने की समझाइश दी जाती है। सोसायटी के अध्यक्ष पीएस भौमिक ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग के जारी निर्देश के अनुसार सभी रहवासी मास्क लगाकर ही घरों से बाहर निकलते हैं। अंदर आते समय गेट पर ही हैंडवॉश कर हाथ को सेनिटाइज करते हैं। गेट पर तैनात गार्ड सभी की शरीर पर सेनिटाइजर स्प्रे करते हैं। समय-समय पर सोसायटी की नािलयों में ब्लीचिंग पाउडर का छिड़काव किया जाता है, ताकि संक्रमण का खतरा न रहे। १५ दिन के भीतर एक बार सभी घरों में हाइपोक्लोराइड का छिड़काव कराया जाता है। यदि कोई बाहरी व्यक्ति आता है तो गेट पर तैनात सुरक्षाकर्मी पूरी जांच-पड़ताल के बाद ही अंदर जाने की अनुमति देते हैं।
नौकर-नौकरानी, दूधवाले को भी अंदर आने की थी मनाही
पीएस भौमिक ने बताया कि लॉकडाउन के समय बाहरी व्यक्ति और काम करने वाले नौकर-नौकरानियों, दूधवाले, डिलेवरी ब्वॉय, सब्जी बेचने वाले आदि के अंदर आने पर प्रतिबंध लगा दिया गया था। सरकार ने जब कुछ छूट दी तब हैंड सेनिटाइज करने के बाद मॉस्क लगाकर उन्हें अंदर जाने की अनुमति दी गई है। रहवासी मास्क लगाकर ही सुबह-शाम टहलने के लिए निकलते हैं। बच्चों को मास्क लगाने परिजनों को समझाइश दी जाती है। कोरोना से सबसे अधिक बच्चे और बुजुर्गों को ही खतरा है। रहवासियों को रेड जोन या दूसरे राज्यों से आने वाले सदस्यों को होम क्वारंटाइन करने के लिए कहा गया है।
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