पते में सिर्फ रायपुर लिखा हुआ कोरोना संदिग्ध जब नमूना देने जाते हैं तो स्वास्थ्य विभाग एक फार्म भरवाता है। फार्म में नाम, उम्र, पता, कॉन्टेक्ट नंबर आदि भरना होता है। फार्म भरने के दौरान संदिग्ध घर का पूरा पता देने की बजाय मोहल्ले या अपने रिश्तेदार का पता व मोबाइल नंबर भर देते हैं। ९ अगस्त को जारी रिपोर्ट में बहुत से लोगों ने अपना पता रायपुर लिखा है। रायपुर में कहां रहते हैं, इसका कोई जिक्र नही है। ऐसे ही कुछ लोगों ने बिरगांव, हर्षित बिहार, सड्डू, उरला आदि लिखा है। गत दिनों भाठागांव के एक बुजर्ग कोरोना पॉजिटिव आई थी। स्वास्थ्य विभाग को उसे खोजने में २४ घंटे से ज्यादा का समय लग गया था। टीम जब पते पर पहुंची तो उसकी मृत्यु हो गई थी और परिजन अंतिम संस्कार की तैयारी में जुटे थे। विशेषज्ञों का कहना है कि नमूने के दौरान ही फार्म को अच्छे से जांच कर ली जाए तो परेशानी थोड़ी दूर हो सकती है।
नमूना देने के बाद घर से बाहर न निकलें
एम्स के पूर्व अधीक्षक डॉ. करन पीपरे का कहना है कि संक्रमण के फैलाव को रोकना है तो लोगों को जागरूक होना होगा। स्वास्थ्य विभाग की तरफ से मास्क लगाना तथा सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना अनिवार्य किया गया है, फिर भी लोग इसकी अवहेलना कर रहे हैं। यदि किसी का नमूना लिया गया है तो जब तक रिपोर्ट नहीं आ जाती, तब तक घर से बाहर नहीं निकलना चाहिए। घर में ही आइसोलेशन के नियमों का पालन करना चाहिए। सैंपल देने के बाद यदि किसी की रिपोर्ट आने के पूर्व तबीयत खराब होती तो तत्काल कंट्रोलरूम के हेल्पलाइन नंबर १०४ पर जानकारी देनी चाहिए, ताकि तुरंत इलाज मिल सके।
एम्स के पूर्व अधीक्षक डॉ. करन पीपरे का कहना है कि संक्रमण के फैलाव को रोकना है तो लोगों को जागरूक होना होगा। स्वास्थ्य विभाग की तरफ से मास्क लगाना तथा सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना अनिवार्य किया गया है, फिर भी लोग इसकी अवहेलना कर रहे हैं। यदि किसी का नमूना लिया गया है तो जब तक रिपोर्ट नहीं आ जाती, तब तक घर से बाहर नहीं निकलना चाहिए। घर में ही आइसोलेशन के नियमों का पालन करना चाहिए। सैंपल देने के बाद यदि किसी की रिपोर्ट आने के पूर्व तबीयत खराब होती तो तत्काल कंट्रोलरूम के हेल्पलाइन नंबर १०४ पर जानकारी देनी चाहिए, ताकि तुरंत इलाज मिल सके।
सैंपलिंग के दौरान गलत पता व मोबाइल नंबर देने से ट्रेसिंग में परेशानी होती है। जिन लोगों की ट्रेसिंग नहीं हो पाती है, उनकी सूचना पुलिस को दी जाती है। अब तक जितने लोगों की सूचना दी गई है, संभवत: सभी की तलाश हो गई है। शुक्रवार को जिनकी ट्रेसिंग नहीं हुई थी, उसकी सूचना पुलिस को दे दी गई थी।
– डॉ. मीरा बघेल, सीएमएचओ, रायपुर
यह कहता है नियम कोरोना संक्रमित मरीज का सैंपल लेने के बाद उसको घर या प्रशासन के बताए स्थान पर क्वारंटाइन रहना पड़ता है। रिपोर्ट आने तक वह शहर छोड़कर नहीं जा सकते हैं, लेकिन संदिग्ध सभी चेतावनी को हल्के में लेकर अपने गांव या दूसरे स्थान पर निकल जाते हैं। रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद जब प्रशासनिक अमला उनके घर पहुंचता है, तब उनके गायब होने की जानकारी मिलती है।
यह कहता है नियम कोरोना संक्रमित मरीज का सैंपल लेने के बाद उसको घर या प्रशासन के बताए स्थान पर क्वारंटाइन रहना पड़ता है। रिपोर्ट आने तक वह शहर छोड़कर नहीं जा सकते हैं, लेकिन संदिग्ध सभी चेतावनी को हल्के में लेकर अपने गांव या दूसरे स्थान पर निकल जाते हैं। रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद जब प्रशासनिक अमला उनके घर पहुंचता है, तब उनके गायब होने की जानकारी मिलती है।