कोरोना से अभी और ज्यादा सावधान रहने की जरूरत : कलेक्टर
रायपुरPublished: Nov 20, 2020 04:40:55 pm
जांच शिविर तक लोगों को पहुंचाने की जिम्मेदारी जनप्रतिनिधियों की
कोरोना से अभी और ज्यादा सावधान रहने की जरूरत : कलेक्टर
बलौदाजाबार/भाटापारा। कोरोना का खतरा अभी टला नहीं हैं, बल्कि त्योहारों की चहल-पहल व ठंड की वजह से इसका खतरा और बढ़ गया है। कोरोना की जांच करा कर व सामाजिक दूरी और मास्क का नियमित इस्तेमाल कर हम इसके संक्रमण के फैलाव को टाल सकते हैं। वैक्सीन के आने तक हमें और ज्यादा सतर्क रहने की जरूरत है। कलेक्टर सुनील कुमार जैन इस सिलसिले में गुरुवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये जिले के सभी विकासखंड के सरपंच और सचिवों से मुखातिब हुए।
उन्होंने कहा कि पंचायत प्रतिनिधि ग्रामीण जनता व प्रशासन के बीच की महत्वपूर्ण कड़ी हैं। कोरोना की भयावहता से जनता को जागरूक कर उन्हें कोरोना जांच के लिए प्रेरित करें। जिला प्रशासन द्वारा उनके गांव के आसपास शिविर लगाकर मुफ्त में इलाज की सुविधा मुहैया करा रही है। लोगों के बीच कोरोना जांच के प्रति सकारात्मक माहौल बनाने के लिए सरपंच, पंच व ग्रामीण इलाके में कार्यरत कर्मचारी पहले जांच कराएं। कलेक्टर ने कहा कि समय पर कोरोना की जांच जरूरी है। ज्यादा विलंब होने पर मौत की संभावना अधिक बढ़ जाती है।
कलेक्टर ने लगभग एक घंटे तक जिले के सभी छह विकासखंड के सरपंच, सचिव व उपस्थित ग्रामीणों से बारी-बारी से चर्चा की। उन्होंने कहा कि कोरोना का सबसे बढिय़ा इलाज इसकी समय पर पहचान करना है। यदि पहचान में देरी अथवा चूक हो गई तो एक सप्ताह में वह पूरे ग्राम में कोरोना फैला देगा। जिला प्रशासन द्वारा स्वास्थ्य विभाग के सहयोग से ग्रामीण इलाकों में सघन जांच शिविर लगाये जा रहे हैं। रिपोट मिली है कि लोग अज्ञात कारणों से जांच के लिए उपस्थित नहीं हो रहे है। यह स्थिति किसी भी स्थिति में उचित नहीं हैं। बिलाईगढ़, कसडोल व पलारी के कुछ गांवों में रोग को छिपाने पर गांव की आधी से ज्यादा आबादी कोरोना ग्रस्त हो गई।
उन्होंने अब तक के अनुभव साझा करते हुए कहा कि यह बीमारी केवल बुजुगों की नहीं, बल्कि बच्चे युवा सबकी जान ले रही है। कोई आदमी भुलावे में न रहे कि वह तो जवान है, उसे कुछ नहीं होगा। कलेक्टर ने कहा कि कोरोना के पॉजिटिव आने के बाद अस्पताल में भर्ती होकर इलाज कराना जरूरी नहीं है। सुविधा होने पर घर में भी उसका इलाज किया जाएगा। उन्होंने बताया कि बिलाईगढ़ में सबसे ज्यादा 29 मौत हुई है। ज्यादातर झोला छाप डॉक्टरों द्वारा इलाज कराकर काफी विलंब से अस्पताल आने पर हुई है। उन्होंने एसडीएम व स्वास्थ्य विभाग को झोलाछाप डॉक्टरों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई के निर्देश भी दिए।
कलेक्टर ने कोरोना संबधी सामाजिक व्यवहार जैसे छह फीट की दूरी, घर से बाहर निकलने पर मास्क लगाना, बार-बार हाथ धोना और सेनिटाइजर का उपयोग करने की समझाइश को फिर से दोहराया। उन्होंने कहा कि सरकार काफी समझाइश दे चुके हैं, अब उल्लंघन पर कड़ी कार्रवाई का समय आ चुका है। उन्होंने धान खरीदी के स्थलों पर भी कोविड प्रोटोकाल का कड़ाई से पालन करने और कराने को कहा है।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉण् खेमराज सोनवानी ने कोविड के लक्षण बताए। उन्होंने कहा कि बुखार, सर्दी, खांसी, स्वाद चला जाना और सुंघने की शक्ति का हास हो जाना प्रमुख लक्षण हैं। सीएमएचओ ने कहा कि संक्रमण की स्थिति में घबराने की कोई जरूरत नहीं हैं। सरकार द्वारा मुफ्त में इसकी इलाज व्यवस्था कर रखी है। गंभीर से गंभीर मरीज का इलाज किया जाता है। ऐसे लगभग 50 मरीज ठीक होकर घर चले गए हैं। बैठक में जिला पंचायत सीईओ डॉ. फरिहा आलम सिद्धिकी ने भी सरपंचों को सम्बोधित किया और ग्रामीणों को जांच शिविर तक लाने में मदद के लिए आह्वान किया।