उदंती अभयारण्य क्षेत्र के हजारों ग्रामीणों ने कलेक्ट्रेट का किया घेराव
अभयारण्य क्षेत्र में वनोपज संग्रहण सहित 14 सूत्रीय मांग

गरियाबंद। मैनपुर विकासखंड के उदंती सीतानदी टाइगर रिजर्व क्षेत्र के दर्जनों ग्रामों के हजारंों ग्रामीणों ने अभयारण्य क्षेत्र के सभी ग्रामों में वनोपज संग्रहण केन्द्र खोलने सहित अपनी 14 मांगों को लेकर सोमवार को जिला मुख्यालय पहुंचकर कलेक्ट्रेट का घेराव किया। ग्रामीणों का आरोप है कि उनकी पुरानी मांगों पर प्रशासन गंभीरता से विचार नहीं कर रहा है। जिसके चलते उनकी मांगे ंलंबित पड़ी है। ग्रामीणों ने मांगें पूरी नहीं होने पर उग्र आंदोलन व राजधानी तक पदयात्रा करने की चेतावनी दी है।
ये हैं प्रमुख मांगें
उदंती सीतानदी राजापड़ाव किसान मजदूर संघर्ष समिति के बैनर तले मैनपुर से लगभग 35 किमी पैदल चलकर गरियाबंद पहुंचे ग्रामीणों ने 14 सूत्रीय मांगों को लेकर कलेक्ट्रेट का घेराव किया और अपनी मांगे जल्द से जल्द पूरी करने की मांग की। जिला पंचायत सभापति सहित क्षेत्र के कई जनप्रतिनिधि भी ग्रामीणों के साथ मौजूद रहे।ग्रामीणों की विभिन्न मांगों में सबसे प्रमुख मांग उदंती अभयारण्य क्षेत्र के गांवों में तेंदूपत्ता संग्रहण की अनुमति प्रदान करना, गांवों में फड़ी बनाना, तेंदूपत्ता और बूटा कटाई की राशि मे वृद्धि करना, वहां काम करने वाले कर्मचारियों का वेतन बढ़ाना, आकस्मिक मृत्यु पर उचित मुआवजा राशि प्रदान करना, वनोपजों का मूल्य बढ़ाना, वनों के सरक्षण व संवर्धन की पूरी जिम्मेदारी वन समितियों को देना। साथ ही 2005 से पूर्व काबिज भूमि का वन अधिकार पट्टा जारी करना, अभयारण्य व राजपड़ाव क्षेत्र में सडक़, बिजली, पुल, पुलिया की व्यवस्थाएं करना, भूतबेडा में हाईस्कूल और मक्का की खरीदी जनवरी-फरवरी में शुरू करना शामिल हंै।
गांवों को विस्थापित करने की योजना
बता दें कि उदंती अभयारण्य क्षेत्र में बसे कुछ गांवों को प्रशासन विस्थापित करना चाहता है। जिसके चलते उन गांवों में प्रशासनिक कार्यों की स्वीकृति नहीं दी जा रही है। वहीं, ग्रामीण विस्थापन को तैयार नहीं है और अपने गांवों में ही मूलभूत व रोजगार मूलक सुविधाएं उपलब्ध कराने की मांग कर रहे हैं।
क्षेत्र के ग्रामीण लंबे समय से अपनी मांगों को लेकर आवाज उठाते आ रहे हैं, मगर प्रशासन द्वारा उनकी मांगों को गम्भीरता से नहीं लिया गया। जिसके चलते मांगें पूरी नहीं हुई। इन्हीं मांगो को लेकर ग्रामीणों ने सोमवार को एक बार फिर पदयात्रा की और कलेक्ट्रेट का घेराव कर मांगे जल्द पूरी करने की बात प्रशासन के समक्ष रखी। ग्रामीणों का कहना है कि अगर जिला प्रशासन हमारी मांगों को ध्यान नहीं दिया तो हम पैदल यात्रा राजधानी तक करेंगे और सरकार को अपनी बात बताएंगे।
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