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सावधान ! आपके आसपास कहीं ‘कोरोना बम’ तो नहीं घूम रहा

locationरायपुरPublished: Apr 09, 2021 03:54:56 pm

Submitted by:

Gulal Verma

प्रतिदिन संक्रमित मरीजों की पहचान बताई जाएं, ताकि दूसरे लोग रहे सतर्क

सावधान ! आपके आसपास कहीं ‘कोरोना बम’ तो नहीं घूम रहा

सावधान ! आपके आसपास कहीं ‘कोरोना बम’ तो नहीं घूम रहा

बलौदा बाजार। जिले में कोरोना के तेजी से पैर पसारने के साथ ही अब जिले में पूर्ण लॉकडाऊन ही प्रशासन के पास अंतिम विकल्प के रूप में नजर आ रहा है। प्रशासन द्वारा बार-बार चेतावनी दिए जाने के बाद भी आमजनों तथा कुछ शासकीय कार्यालयों में कोरोना गाइडलाइन का खुलेआम उल्लंघन हो रहा है। जिसकी वजह से हालात काबू से बाहर जाते नजर आ रहे हैं। कोरोना की पॉजिटिव रिपोर्ट आने के बाद भी होम क्वारंटाइन लोग बाजार तथा दुकानों में खुलेआम घूम रहे हैं। जिसकी वजह से दूसरे स्वस्थ लोगों को इन श्कोरोना बमश् से अधिक खतरा हो गया है। असावधानी के कारण ही जिला मुख्यालय से महज 5 किमी दूर स्थित ग्राम पंचायत संकरी नया हॉटस्पॉट बन गया है, जहां एक ही ग्राम में गुरुवार तक 172 कोरोना संक्रमित मरीज मिल चुके हैं। जिसके बाद जिला दंडाधिकारी ने पूरे ग्राम को ही कंटेंटमेंट जोन घोषित कर दिया है।
3 अप्रैल को 74, 4 अप्रैल को 147, 5 अप्रैल को 168, 6 अप्रैल को 209 और 7 अप्रैल को 465 यानी महज पांच दिनों में ही कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या एक हजार पार। यह केवल कोरोना संक्रमित मरीजों का आंकड़ा भर नहीं है, बल्कि संक्रमित मरीजों का आंकड़ा यह बताता है कि कोरोना की दूसरी लहर जिले में बेहद खतरनाक साबित होती नजर आ रही है। बीते पांच दिनों से प्रतिदिन का रेकॉर्ड टूट रहा है जो जिले में कोरोना की भयावहता को साबित कर रहा है।
जिले में बेकाबू होती स्थिति के लिए आमजनों के साथ ही साथ प्रशासन का रवैया पूरी तरह से जिम्मेदार है। लापरवाही का अंदाजा केवल इन्ही बातों से लगाया जा सकता है कि कोरोना संक्रमण काल के दौरान भाटापारा के 132 मिलर्स गोवा घूमने गए थे। गोवा टूर से लौटने के बाद उनकी जांच की गई, जिसमें बड़ी संख्या में कोरोना संक्रमित मरीज मिले हैं। इसी प्रकार बलौदा बाजार से महज पांच किमी दूर ग्राम पंचायत संकरी जिले का नया हॉटस्पॉट बन गया है। ग्राम संकरी में गुरुवार तक 172 कोरोना संक्रमित मरीज मिल चुके हैं। ग्रामीणों के अनुसार ग्राम की एक महिला का कोरोना संक्रमण की वजह से निधन हो गया था, जिसका अंतिम संस्कार कोरोना प्रोटोकाल के साथ किया गया। इस दौरान नियमानुसार परिवार के लोगों को क्वारंटाइन रहना था, परंतु परिवार के लोग इस दौरान पूरे गांव भर घूमते रहे हैं तथा जानकारी होने के बाद भी ग्राम के दूसरे लोग मृतका के परिजनों के साथ मिलते रहे हैं। जिससे धीरे-धीरे कोरोना ने ग्राम के 172 लोगों को अपनी चपेट में ले लिया। ग्राम के कई घरों में दो से अधिक कोरोना संक्रमित मरीज हैं तथा बुधवार को प्रशासनिक तथा पुलिस अधिकारियों ने ग्राम जाकर लोगों से घरों में रहने की अपील की। अपील के बावजूद लोगों के नियम ना पालन करने की सूचना मिलने पर जिला प्रशासन ने गुरुवार को पूरे ग्राम को ही कंटेंटमेंट जोन बना दिया है।
कोरोना बम ने बढ़ाया खतरा
ग्राम संकरी की ही तरह जिले के अन्य स्थानों में भी ‘कोरोना बम’ ही कोरोना संक्रमितों की संख्या बढ़ाने के लिए बड़ा कारण बनते जा रहे हैं। बलौदा बाजार में कई कोरोना संक्रमित मरीजों को चौक-चौराहे से लेकर पान दुकान तथा बाजारों में आराम से घूमता हुआ देखा जा सकता है। होम क्वारंटाइन किए गए लोगों की प्रशासन द्वारा ना तो पड़ताल की जाती है और ना ही इनके खुलेआम बाहर घूमने पर किसी प्रकार की कार्रवाई की जाती है, जिसकी वजह से यही कोरोना बम दूसरे स्वस्थ लोगों के लिए बड़ा खतरा बन चुके हैं तथा चाहे-अनचाहे लोग इनके संपर्क में आ रहे हैं।
संक्रमितों की पहचान उजागर हो
जिले में कोरोना संक्रमित मरीजों की बढ़ती संख्या के लिए ‘कोरोना बम’ एक बड़ा कारण है। लिहाजा संक्रमितों की पहचान उजागर किया जाना बेहतर कदम होगा। वर्तमान में जिला प्रशासन तथा स्वास्थ्य विभाग द्वारा कोरोना संक्रमितों के नाम पर केवल विभिन्न ब्लॉकों में संक््रमितों मरीजों की केवल संख्या भर ही बता दी जाती है। संक्रमित व्यक्ति के द्वारा लापरवाही बरते जाने तथा खुलेआम घूमने की वजह से दूसरे लोगों के बचाव के लिए प्रतिदिन संक्रमित मरीजों की पहचान बताई जानी चाहिए ताकि दूसरे लोगों को अपने मोहल्ले, शहर के संक्रमित व्यक्ति के बारे में पूरी जानकारी हो तथा वो ऐसे संक्रमित मरीजों से दूर रह कर अपना बचाव कर सके।
तालाब में गुड़ाखू सेवन-थूकने से भी कोरोना फैलेगा
सार्वजनिक तालाबों के उपयोग में सामाजिक दूरी के नियमों की अनदेखी और गुड़ाखू सेवन कर थूकने से भी कोरोना फैलने की आशंका रहती है। पता चला है कि तालाब के घाटों में भीड़-भाड़ व यहां गुड़ाखू सेवन कर थूकने तथा इनका अत्यधिक उपयोग भी एक कारण हो सकता है। आमतौर पर लोग तालाब की पचरी घाटों पर इत्मीनान से बैठकर गुड़ाखू घीसते रहते देखे गए हैं। इस दौरान बातें करते हुए इर्दगिर्द बार-बार थूकते रहते हैं। थूकने के दौरान यदि व्यक्ति कोरोना संक्रमित हों तो कोरोनायुक्तलार की बूंदे आसपास व्यक्ति को संक्रमित कर सकती हैं। सामान्य तौर पर किसी को मालूम नहीं रहता कि उनके आसपास भी कोई कोरोना संक्रमित व्यक्ति मौजूद है। पिछले दिनों इन्ही कारणों से कुछ गांव में कोरोना के संक्रमण बड़ी संख्या में प्राप्त हुए हैं। कलेक्टर ने जिले में गंभीर संक्रमण के हालात को देखते हुए तालाबों में गुड़ाखू सेवन से बचते हुए तालाबों के कम से कम इस्तेमाल करने की सलाह दी है।
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