संक्रमितों की पहचान उजागर हो
जिले में कोरोना संक्रमित मरीजों की बढ़ती संख्या के लिए ‘कोरोना बम’ एक बड़ा कारण है। लिहाजा संक्रमितों की पहचान उजागर किया जाना बेहतर कदम होगा। वर्तमान में जिला प्रशासन तथा स्वास्थ्य विभाग द्वारा कोरोना संक्रमितों के नाम पर केवल विभिन्न ब्लॉकों में संक््रमितों मरीजों की केवल संख्या भर ही बता दी जाती है। संक्रमित व्यक्ति के द्वारा लापरवाही बरते जाने तथा खुलेआम घूमने की वजह से दूसरे लोगों के बचाव के लिए प्रतिदिन संक्रमित मरीजों की पहचान बताई जानी चाहिए ताकि दूसरे लोगों को अपने मोहल्ले, शहर के संक्रमित व्यक्ति के बारे में पूरी जानकारी हो तथा वो ऐसे संक्रमित मरीजों से दूर रह कर अपना बचाव कर सके।
तालाब में गुड़ाखू सेवन-थूकने से भी कोरोना फैलेगा
सार्वजनिक तालाबों के उपयोग में सामाजिक दूरी के नियमों की अनदेखी और गुड़ाखू सेवन कर थूकने से भी कोरोना फैलने की आशंका रहती है। पता चला है कि तालाब के घाटों में भीड़-भाड़ व यहां गुड़ाखू सेवन कर थूकने तथा इनका अत्यधिक उपयोग भी एक कारण हो सकता है। आमतौर पर लोग तालाब की पचरी घाटों पर इत्मीनान से बैठकर गुड़ाखू घीसते रहते देखे गए हैं। इस दौरान बातें करते हुए इर्दगिर्द बार-बार थूकते रहते हैं। थूकने के दौरान यदि व्यक्ति कोरोना संक्रमित हों तो कोरोनायुक्तलार की बूंदे आसपास व्यक्ति को संक्रमित कर सकती हैं। सामान्य तौर पर किसी को मालूम नहीं रहता कि उनके आसपास भी कोई कोरोना संक्रमित व्यक्ति मौजूद है। पिछले दिनों इन्ही कारणों से कुछ गांव में कोरोना के संक्रमण बड़ी संख्या में प्राप्त हुए हैं। कलेक्टर ने जिले में गंभीर संक्रमण के हालात को देखते हुए तालाबों में गुड़ाखू सेवन से बचते हुए तालाबों के कम से कम इस्तेमाल करने की सलाह दी है।
जिले में कोरोना संक्रमित मरीजों की बढ़ती संख्या के लिए ‘कोरोना बम’ एक बड़ा कारण है। लिहाजा संक्रमितों की पहचान उजागर किया जाना बेहतर कदम होगा। वर्तमान में जिला प्रशासन तथा स्वास्थ्य विभाग द्वारा कोरोना संक्रमितों के नाम पर केवल विभिन्न ब्लॉकों में संक््रमितों मरीजों की केवल संख्या भर ही बता दी जाती है। संक्रमित व्यक्ति के द्वारा लापरवाही बरते जाने तथा खुलेआम घूमने की वजह से दूसरे लोगों के बचाव के लिए प्रतिदिन संक्रमित मरीजों की पहचान बताई जानी चाहिए ताकि दूसरे लोगों को अपने मोहल्ले, शहर के संक्रमित व्यक्ति के बारे में पूरी जानकारी हो तथा वो ऐसे संक्रमित मरीजों से दूर रह कर अपना बचाव कर सके।
तालाब में गुड़ाखू सेवन-थूकने से भी कोरोना फैलेगा
सार्वजनिक तालाबों के उपयोग में सामाजिक दूरी के नियमों की अनदेखी और गुड़ाखू सेवन कर थूकने से भी कोरोना फैलने की आशंका रहती है। पता चला है कि तालाब के घाटों में भीड़-भाड़ व यहां गुड़ाखू सेवन कर थूकने तथा इनका अत्यधिक उपयोग भी एक कारण हो सकता है। आमतौर पर लोग तालाब की पचरी घाटों पर इत्मीनान से बैठकर गुड़ाखू घीसते रहते देखे गए हैं। इस दौरान बातें करते हुए इर्दगिर्द बार-बार थूकते रहते हैं। थूकने के दौरान यदि व्यक्ति कोरोना संक्रमित हों तो कोरोनायुक्तलार की बूंदे आसपास व्यक्ति को संक्रमित कर सकती हैं। सामान्य तौर पर किसी को मालूम नहीं रहता कि उनके आसपास भी कोई कोरोना संक्रमित व्यक्ति मौजूद है। पिछले दिनों इन्ही कारणों से कुछ गांव में कोरोना के संक्रमण बड़ी संख्या में प्राप्त हुए हैं। कलेक्टर ने जिले में गंभीर संक्रमण के हालात को देखते हुए तालाबों में गुड़ाखू सेवन से बचते हुए तालाबों के कम से कम इस्तेमाल करने की सलाह दी है।