लॉकडाउन ने तोड़ी सब्जी उत्पादक किसानों की कमर
कसडोल। कोरोना संक्रमण के चलते लगाए गए लॉकडाउन ने सब्जी-भाजी उत्पादक किसानों की इस साल भी कमर तोड़ के रख दी है। सब्जी मंडी बंद हो जाने के कारण किसानों के सब्जी के फसल पौधों में ही पड़े-पड़े सूख रहे हैं।
11 अप्रैल से 21 अप्रैल तक बलौदाबाजारधभाटापारा जिले में जिला कलेक्टर द्वारा सम्पूर्ण लॉकडारुन की घोषणा कर दी गई है। पिछले साल के लॉकडाउन में किराना व सब्जी की दुकानों को सीमित समय के लिए छूट प्रदान की गई थी, जिसका नाजायज फायदा उठाते हुए लोग किराने की सामान या सब्जियां खरीदने के बहाने बेवजह घर से बाहर निकलते थे। लोगों की इस तरह की मनोदशा को भांपते हुए जिला कलेक्टर ने किराना व सब्जी की दुकानें भी बंद रखने के निर्देश जारी किए हैं। केवल दुग्ध व्यवसाय को वह भी सीमित समय के लिए छूट प्रदान की गई है।
सब्जी मंडी व दुकानों के बंद होने से सब्जी उत्पादक किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें खींच दी है। सब्जियों का उत्पादन करने वाले किसान आखिर तैयार फसल को लेकर जाएं तो जाएं कहां। क्योंकि, बाजार व मंडी बंद है। खून पसीने की फसल को पौधे पर ही सूखते देख किसानों के आंखों से आँसू बहने लगती है। पिछले साल के लॉकडाउन के दौरान हुए आंशिक नुकसान को इस साल भरपाई करने की उम्मीद में कड़ी मेहनत कर सब्जी की फसल लगाई थी, लेकिन कोरोना संक्रमण के रोकथाम के लिए लगाए गए लॉकडाउन ने किसानों की उम्मीदों पर पानी फेर दिया।
कसडोल क्षेत्र के ग्राम बलौदा (ह), झबड़ी, खैरा, मडक़डा, छेछर, मल्दा, पिकरी, भदरा, सिनोधा, देवरिकला, खर्वे, नवापारा, नारायणपुर, कटगी, मटिया आदि गांवों के लोग ज्यादातर सब्जी उत्पादन करते हैं। ग्राम बलौदा के सब्जी उत्पादक किसान राजकुमार गोंड़ ने बताया कि उसने 5 एकड़ में टमाटर, 4 एकड़ में बैगन, 3 एकड़ में गोभी तथा 2 एकड़ में मिची व धनिया की फसल लगाया था। जैसे ही फसल तैयार होकर बेचने के लायक हुआ, वैसे लॉकडाउन लगने से इस साल भी लाखों का नुकसान हो गया। इसी तरह नत्थू, दाऊ सिंह, रामकुमार, शिवकुमार, धनेश्वर सहित अन्य किसानों ने भी सब्जी की फसल में भयंकर नुकसान होने की बात कही। यदि अब लॉकडाउन खुल भी जाए तो नुकसान की भरपाई होना मुश्किल है। किसानों ने लॉक डाउन के कारण हुए फसल क्षति का मुआवजा देने की मांग शासन-प्रशासन से की है।