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लॉकडाउन के चलते लावारिस भिखारी की मौत

locationरायपुरPublished: Apr 22, 2021 04:12:00 pm

Submitted by:

Gulal Verma

भूख से मौत होने की आशंका, पुलिस ने पोस्टमार्टम के बाद कराया अंतिम संस्कार

लॉकडाउन के चलते लावारिस भिखारी की मौत

लॉकडाउन के चलते लावारिस भिखारी की मौत

कसडोल। कोरोना वायरस संक्रमण को रोकने जिला प्रशासन द्वारा लागू किए गए सम्पूर्ण लॉक डाउन के चलते लावारिस भिखारी की मौत हो गई। उसकी मौत भूख से होने की आशंका जताई जा रही है। पोस्टमार्टम में भी उसके पेट में खाने का अंश अत्यंत कम मात्रा में मिलने की बात कही जा रही है। वहीं,
घटना की सूचना मिलते ही पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम करवाकर अंतिम संस्कार करा दिया है।
कोरोना वायरस संक्रमण के चलते प्रशासन द्वारा लगाए गए सम्पूर्ण लॉकडाउन अब अपना विकराल रूप दिखाने लगा है। जिला प्रशासन द्वारा पहले 11 से 21 अप्रैल तक सम्पूर्ण लॉकडाउन लागू किया गया था। उसके बाद बढ़ते संक्रमण को देखते हुए जिला कलेक्टर ने सम्पूर्ण लॉकडाउन को 8 दिनों के लिए आगे बढ़ा दिया। अब 29 अप्रैल सुबह 6 बजे तक के लिए सम्पूर्ण लॉक ाउन रहेगा। प्रशासन द्वारा लगाए गए लॉकडाउन कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने में कितना कारगर साबित होगा यह तो आने वाला वक्त बताएगा, लेकिन इसके चलते सभी प्रकार के व्यवसाय बंद हैं तथा लोगों के घरों के दरवाजे भी ज्यादातर बंद नजर आते हैं।
ढाबा के ग्राहकों से खाने का होता था जुगाड़
कसडोल नगर के बायपास रोड में शारदा पेट्रोलियम के समीप स्थित लाडली ढाबा के एक लावारिस भिखारी रहता था। ढाबे में आने-जाने वाले लोग उसे कुछ पैसे या खाने-पीने का सामान दे दिया करते थे। इसी तरह उसका गुजारा चल रहा था। लेकिन पिछले एक सप्ताह से भी अधिक समय से लॉकडाउन में ढाबा भी बंद है और उसके खाने-पीने का जुगाड़ भी समाप्त हो गया था। ढाबा खुलने के इंतजार में वह भिखारी ढाबा के सामने सिद्धि विनायक मार्बल के चबूतरे पर बैठे रहता था। उक्त भिखारी 20 अप्रैल को सुबह मृत अवस्था में मिला। अज्ञात भिखारी की मौत हो जाने की खबर सुनते ही पुलिस घटनास्थल पर पहुंची और शव को पोस्टमार्टम करवाया। चूंकि अज्ञात शव था, इसलिए उसका अंतिम संस्कार भी प्रशासन द्वारा कराया गया।
पेट में खाने के अवशेष कम मिले
शव परीक्षण करने वाले डॉ. महेन्द्र जायसवाल ने बताया कि उक्त व्यक्ति के पेट में खाने का अवशेष अत्यंत कम मात्रा में याने नहीं के बराबर मिला। पीएम में खाने की मात्रा कम मिलने से कयास लगाया जा रहा है कि उक्त अज्ञात भिखारी की मौत भूख से हुई होगी। इस मामले में जनपद सदस्य अविनाश मिश्रा ने कहा कि ऐसे बहुत सारे भिखारी या एकाकी लोग हैं, जिनके पास खाने-पीने का पर्याप्त संसाधन नहीं होते। ऐसे लोगों के लिए प्रशासन द्वारा लॉकडाउन के दौरान भोजन की व्यवस्था करना चाहिए या आश्रय स्थली संचालित किया जाना चाहिए, जहां इन्हें भोजन मिल सके। भिखारियों के साथ-साथ दिहाड़ी मजदूरों के लिए भी प्रशासन को विचार किया जाना चाहिए। क्योंकि, दिहाड़ी मजदूर रोज कमाते हैं और रोज खाते हैं। लम्बी दूरी तक चलने वाले ट्रक चालकों के लिए भी पार्सल सिस्टम में खाना उपलब्ध कराने की शर्त पर ढाबा संचालित करने की इजाजत दी जानी चाहिए।
वर्जन
मुझे भिखारी की मौत होने की जानकारी नहीं है। आपके द्वारा बताए जाने पर ज्ञात हुआ है।
– मिथलेश डोण्डे, एसडीएम

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