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छत्तीसगढ़ के प्रथम शहीद के गांव में पशु औषधालय में संचालित हो रहा शासकीय कालेज

locationरायपुरPublished: Jul 31, 2021 08:33:23 am

Submitted by:

Gulal Verma

न तो विद्युत व्यवस्था और न ही इंटरनेट की सुविधा

छत्तीसगढ़ के प्रथम शहीद के गांव में पशु औषधालय में संचालित हो रहा शासकीय कालेज

छत्तीसगढ़ के प्रथम शहीद के गांव में पशु औषधालय में संचालित हो रहा शासकीय कालेज

सेल । छत्तीसगढ़ के प्रथम शहीद शहीद वीरनारायण सिंह के गांव सोनाखान में संचालित शासकीय महाविद्यालय अपने लचर व्यवस्था पर आंसू बहा रहा है। ऐसा हम इसलिए कह रहे हैं कि पशु औषधालय/ कांजी हाउस में संचालित होने वाली शासकीय महाविद्यालय में न तो विद्युत की व्यवस्था है और ना ही इंटरनेट की सुविधा। ऐसे में यहां पढऩे वाले विद्यार्थी कैसे अपना भविष्य गढ़ेंगे, यह सोचने का विषय है। विद्युत व्यवस्था नहीं होने से कंप्यूटर संबंधी कार्य भी यहां नहीं हो पाता।
शहीद वीर नारायण सिंह की जन्मस्थली सोनाखान को सरकार ने विशेष दर्जा प्रदान कर दिया है, किंतु राज्य बनने के 21 वर्ष बाद भी यहां बुनियादी सुविधाओं का अभाव है। सोनाखान में 3 वर्ष पूर्व छत्तीसगढ़ की तत्कालीन रमन सरकार द्वारा महाविद्यालय की स्थापना कर संचालन शुरू कर दिया गया, लेकिन अब भी शासकीय संकल्प के अभाव में यहां का महाविद्यालय कांजी हाउस में संचालित किया जा रहा है।
महाविद्यालय की स्थापना 2018 में की गई थी, किंतु 3 वर्ष बाद भी भवन का निर्माण नहीं किया जा सका है। महाविद्यालय में मात्र 4 कमरे हैं, जिसमें विज्ञान संकाय में 35 व कला संकाय में 48 विद्यार्थी अध्ययनरत है। अध्यापन कार्य सुचारू रूप से संचालित करने के लिए कम से कम 12 कमरे होने चाहिए। राज्य में सत्ता परिवर्तन होने के चलते वर्तमान सरकार इस पर ध्यान नहीं दे रही है। भवन व आवश्यक बुनियादी ढांचे का अभाव के कारण इसका संचालन कांजी हाउस में किया जा रहा है। कांजी हाउस के सामने के 3 कमरों में महाविद्यालय के स्टॉप संचालित हो रहा है। प्राचार्य, क्लर्क व प्राध्यापकों के कक्ष हैं। इसी भवन में दांये ओर शासकीय पशु चिकित्सालय भी संचालित किया जा रहा है। इस तरह एक ही भवन में शासकीय पशु चिकित्सालय, महाविद्यालय और कांजी हाउस का संचालन हो रहा है।
महाविद्यालय खोलने के बाद तीन अध्यापकों नियुक्ति की गई थी, किंतु इनमें से कोई नहीं आया। सभी ने अपनी पोस्टिंग रुकवा ली। वर्तमान में महाविद्यालय के अध्यापन की व्यवस्था अतिथि प्राध्यापकों के भरोसे चल रही है। यह सभी अतिथि प्राध्यापक 31 जुलाई से अनुबंध अनुसार सेवा से पृथक हो जाएंगे। इसके बाद महाविद्यालय के अध्यापन की व्यवस्था भगवान भरोसे हो जाएगी।
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