स्वयं टीबी से ठीक होकर अन्य मरीजों का कर रहे मदद
रायपुरPublished: Oct 14, 2021 04:34:18 pm
10 से अधिक लोगों को टीबी की दवाई खिला कर चुके हैं स्वस्थ
स्वयं टीबी से ठीक होकर अन्य मरीजों का कर रहे मदद
बलौदाबाजार। जिले के बलौदाबाजार विकासखंड के अंतर्गत ग्राम डमरू निवासी 60 वर्षीय महासिंग पैकरा ने मानवता की मिसाल पेश की है। वह स्वयं टीबी से ठीक होकर अन्य मरीजों का मदद कर टीबी मुक्त बनाने में अपना सहयोग दे रहे हैं। उन्होंने अब तक 10 से अधिक लोगों को टीबी की दवाई खिला कर उन्हें पूरी तरह से स्वस्थ कर चुके है।
महासिंग ने बताया कि आज से लगभग 20 साल पहले इनको टीबी की शिकायत हुई। उस समय उनको बुखार के साथ-साथ तेज़ खाँसी की की भी शिकायत थी। उसके साथ हल्का बुखार और भूख ना लगने के कारण कमजोरी भी लगने लगी थी। तबीयत खराब होने पर वह सरकारी स्वास्थ्य केंद्र गए और वहां डॉक्टर को दिखाया। डॉक्टर ने उनको बलगम जांच करने की सलाह दी। बाद में बलगम की जांच में उनका टीबी रोग पाया गया। उस समय डॉक्टर ने उनको बताया कि घबराने की जरूरत नहीं है। छह महीना दवाई खाकर आप ठीक हो जाएंगे। महासिंग ने डॉक्टर की बात मानकर 6 महीने का डॉट्स का कोर्स पूरा किया और वह ठीक हो गए। दवाई खा कर पूरी तरह ठीक हो जाने के पश्चात महासिंग के भीतर एक आत्मविश्वास पैदा हुआ और उन्होंने गांव में अन्य लोग जो टीबी रोग से पीडि़त थे उनकी मदद करने का निश्चय लिया। महासिंग स्वयं मरीज के घर जाकर उसे अपने सामने दवाई खिलाने का कार्य करने लगे। इसका एक लाभ यह भी हुआ कि मरीज से प्रतिदिन मुलाकात हो जाती थी तथा उसकी स्थिति का जायजा भी प्राप्त हो जाता था। इस तरह अभी तक महासिंग 10 से अधिक टीबी मरीजों को दवा खिलाकर ठीक कर चुके हैं जो कि एक बड़ी उपलब्धि है।
संक्रामक रोग है टीबी
गौरतलब है की टीबी एक संक्रामक रोग है, जो हवा के माध्यम से फैलता है। किसी भी व्यक्ति को यह हो सकता है। 2 हफ्ते से अधिक की खांसी, वजन में कमी, भूख ना लगना,शाम को हल्का बुखार, छाती में दर्द, कभी-कभी बलगम के साथ खून आना यह टीबी रोग के लक्षण हो सकते हैं। ऐसी स्थिति में मरीज को तुरंत निकट के स्वास्थ्य केंद्र में जाकर संपर्क करना चाहिए, अन्यथा रोग बढक़र जानलेवा भी हो सकता है।