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मनरेगा शाखा में कार्य कर चुके लिपिक व डाटा एंट्री ऑपरेटर रोजगार के लिए भटक रहे

locationरायपुरPublished: Oct 26, 2021 04:44:21 pm

Submitted by:

Gulal Verma

पुन: नौकरी पर रखने की कर रहे मांग

मनरेगा शाखा में कार्य कर चुके लिपिक व डाटा एंट्री ऑपरेटर रोजगार के लिए भटक रहे

मनरेगा शाखा में कार्य कर चुके लिपिक व डाटा एंट्री ऑपरेटर रोजगार के लिए भटक रहे

मैनपुर। तहसील मुख्यालय जनपद पंचायत मैनपुर मनरेगा शाखा में 10 वर्षों तक कार्य कर चुके लिपिक, डाटा एन्ट्री ऑपरेटर रोजगार के अभाव में दर-दर भटकने को मजबूर हो रहे हैं। बीते दो वर्ष पूर्व मनरेगा शाखा में कार्यरत लिपिक, डाटा एन्ट्री आपरेटर (एमआईएस) को फंड (आवंटन) का अभाव कहते हुए निकाल दिया गया है, जिसके चलते अब वे बेरोजगार हैं और आर्थिक समस्या से जूझ रहे हैं।
मनरेगा शाखा में कार्य कर चुके कोमल निषाद, नरेश बघेल, पुरूषोत्तम निषाद, दुष्यंत पटेल, जनेन्द्र जगत ने बताया कि फंड (आवंटन) अभाव का हवाला देते हुए कार्यक्रम अधिकारी/मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जनपद पंचायत द्वारा सेवा समाप्त किया गया है, जबकि विभाग में फंड (आवंटन) की कमी नही है। प्रत्येक वित्तीय वर्ष में 4 प्रतिशत प्रशासनिक मद (कंटीजेंसी) से कर्मचारियों का भुगतान किया जाता है। आज तक किसी भी वित्तीय वर्ष में 4 प्रतिशत से अधिक का व्यय नहीं हुआ है और राज्य कार्यालय से किसी भी कर्मचारियों को निकालने का आदेश जारी नहीं हुआ है, किन्तु गरियाबंद जिले में ही देवभोग, मैनपुर, गरियाबंद, छुरा, फिंगेश्वर जनपद पंचायत में मनरेगा कलेक्टर दर (दैनिक वेतन भोगी) कर्मचारियों को निकाला गया है।
मनरेगा शाखा में दोबारा कार्य करने की राह ताकते थके बेरोजगार कर्मचारियों ने जिला कलेक्टर, सीईओ जिला पंचायत, अध्यक्ष/उपाध्यक्ष-जिला पंचायत, सीईओ जनपद पंचायत को आवेदन देकर वापस कार्य पर रखने कई बार अनुरोध कर चुके हैं, लेकिन बेरोजगार हुए इन कर्मचारियों की अभी तक कार्य पर वापसी नहीं हुई है। कुछ अधिकारियों द्वारा तो अपने चहेते कलेक्टर दर कर्मचारी से कार्य लिया जा रहा है, जो कि अन्य अनुभवशील कर्मचारियों के साथ छलावा है।

मनरेगा कलेक्टर दर (दैनिक वेतनभोगी) कर्मचारियों को निकालने का किसी भी प्रकार का आदेश जारी नहीं हुआ है। कार्य की अधिकता को देखते हुए फंड (आवंटन) की व्यवस्था है तो जनपद पंचायत द्वारा कलेक्टर दर/मजदूरी दर पर अतिरिक्त कर्मचारी रख सकते हैं।
– बुद्धेश्वर साहू, जिला सहायक परियोजना अधिकारी

मौखिक आदेश और फंड के अभाव के चलते मनरेगा कलेक्टर दर (दैनिक वेतनभागी) कर्मचारियों को पद से पृथक किया गया है।
– नरसिंह ध्रुव, तत्कालीन मुख्य कार्यपालन अधिकारी

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