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डीएफओ कार्यालय बुलाकर बयान नहीं लेने से आवेदकों ने विरोध दर्ज कराया

locationरायपुरPublished: Nov 16, 2021 04:35:51 pm

Submitted by:

Gulal Verma

वन परिक्षेत्र अधिकारी द्वारा भ्रष्टाचार व ग्रामीणों से दुव्र्यवहार करने का मामला

डीएफओ कार्यालय बुलाकर बयान नहीं लेने से आवेदकों ने विरोध दर्ज कराया

डीएफओ कार्यालय बुलाकर बयान नहीं लेने से आवेदकों ने विरोध दर्ज कराया

बलौदाबाजार। बलौदाबाजार जिले के वन विभाग के अन्तर्गत वन परिक्षेत्र अधिकारी लवन के द्वारा किए गए भ्रष्टाचार तथा ग्रामीणों के साथ अभद्रतापूर्वक व्यवहार करने बहुचर्चित मामले में सोमवार को वन विभाग ने आवेदकों को बयान देने के लिए वन मंडलाधिकारी कार्यालय बुलाया था। लगभग तीन घंटे तक इंतजार कराए जाने के बाद भी जांच अधिकारियों के समय से ना पहुंचने तथा बयान नहीं से आवेदकों ने आक्रोश व्यक्त किया। आवेदकों ने मौखिक रूप से बुलाए जाने को लेकर अपना विरोध दर्ज कराया तथा विधि अनुसार लिखित में सूचना भेजकर दिन-तारीख समेत विधिवत बुलाए जाने तथा बयान दर्ज कराए जाने की बात कही। वन परिक्षेत्र अधिकारी लवन के खिलाफ ग्रामीणों ने एकजुट होकर अपना विरोध दर्ज कराया।
विदित हो कि वन परिक्षेत्र अधिकारी लवन एन. के. सिन्हा द्वारा अर्जुनी बीट में विभाग द्वारा बनाई गई नर्सरी में विभिन्न कार्यों को लेकर अपने ही रिश्तेदारों को मजदूर बनाकर उनके खातों में लाखों रुपयों को जमा कराने तथा विभागीय अन्य कार्यों में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार को लेकर कुछ माह पूर्व वन परिक्षेत्र के ग्राम पंचायतों के जनप्रतिनिधियों ने विभागीय अधिकारियों को आवेदन सौंपकर जांच की मांग की थी। मामले की जानकारी होने के बाद कलेक्टर ने जांच के आदेश भी दिए थे, परंतु अब तक मामले में किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं हो पाई थी तथा मामला ठंडे बस्ते में जाता हुआ नजर आ रहा था।
बीते दिनों ग्रामीणों द्वारा मामले में नगरीय निकाय मंत्री डॉ. शिवकुमार डहरिया तथा वन विभाग के विभागीय मंत्री मो. अकबर को शिकायत देने के बाद मामले ने फिर से तूल पकड़ा है। मामले में वन विभाग के अधिकारी भी बैकफुट पर नजर आ रहे हैं। शिकायतकर्ता ग्रामीणों ने बताया कि बीट गार्डों ने शनिवार को उन्हें मौखिर रूप से सोमवार को बलौदा बाजार डीएफओ कार्यालय पहुंचकर बयान दर्ज कराने की बात कही थी जिसके बाद वे सोमवार को डीएफओ कार्यालय पहुंचे।
तीन घंटे तक आवेदक इंतजार करते रहे
शिकायतकर्ता ग्रामीणों को सोमवार सुबह 11 बजे डीएफओ कार्यालय पहुंचने को कहा गया था। जिसके बाद शिकायतकर्ता पहुंच भी गए, परंतु दोपहर 2 बजे तक कोई भी अधिकारी बयान लेने नहीं पहुंचा। शिकायत की जांच तथा बयान लेने के लिए विभाग द्वारा एसडीओ कसडोल विनोद सिंह ठाकुर को अधिकृत किया गया है। शिकायतकर्ताओं रामगोपाल, तिरिथराम, शिवकुमार, तुलसीराम ध्रुव, हेमलाल, बीरसिंह, जातसिंग, मनराखन, अंतूराम आदि ने बताया कि 11 बजे से 2 बजे तक वे कार्यालय में हैं, परंतु कौन अधिकारी बयान लेगा, हम लोगों को क्यों बुलाया गया है, इसकी कोई जानकारी तक नहीं दी जा रही थी। ग्रामीणों ने विभागीय आला अधिकारियों के द्वारा मामले की लीपापोती किए जाने की भी बात कही।
विभागीय अधिकारियों का कहना है
एसडीओ कसडोल विनोद सिंह ठाकुर ने मामले के संबंध में बताया कि शिकायतकर्ताओं के नाम तथा शिकायत के सत्यापन के लिए ग्रामीणों को बुलाया गया है। जल्द ही आला अधिकारियों से चर्चा कर नियमानुसार ग्रामीण शिकायतकर्ताओं को लिखित में सूचना देकर बयान के लिए बुलाया जाएगा।
भ्रष्टाचार के आरोप गलत हैं
वन परिक्षेत्र अधिकारी लवन एन. के. सिन्हा ने ग्रामीणों द्वारा लगाए गए भ्रष्टाचार के आरोपों को सीरे से नकारते हुए सारे कार्यों के नियमानुसार ही कराए जाने की बात कही।
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