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एमएसपी गारंटी नहीं होने से किसानों को नहीं मिल रहा उपज का सही दाम

locationरायपुरPublished: Dec 07, 2021 04:53:45 pm

Submitted by:

Gulal Verma

मंडी टैक्स में बढ़ोतरी से उपज का दाम घटा, किसान उठा रहे नुकसान

एमएसपी गारंटी नहीं होने से किसानों को नहीं मिल रहा उपज का सही दाम

एमएसपी गारंटी नहीं होने से किसानों को नहीं मिल रहा उपज का सही दाम

राजिम। कृषि उपज मंडी राजिम में शनिवार को धान का 1370 रुपए प्रति क्विंटल तक बोली लगी तो किसानों ने एकमत होकर अपना उपज बेचने से इनकार कर दिया था और मंडी प्रांगण में ही खुले में अपना उपज छोडक़र घर चले गए थे। सोमवार सुबह 9.30 बजे मंडी कार्यालय राजिम में डिप्टी कलेक्टर व प्रभारी तहसीलदार अनुपम आशीष टोप्पो की उपस्थिति में किसान प्रतिनिधियों, व्यापारी प्रतिनिधियों और मंडी प्रशासन के बीच सुचारू रूप से मंडी में क्रय-विक्रय प्रारंभ करने के संबंध में बैठक हुई। जिसमें नायाब तहसीलदार अंकुर रात्रे, मंडी सचिव एन. के. भंडारी, मंडी निरीक्षक सपन शर्मा, फड़ प्रभारी पवन कुमार पटेल, व्यापारी प्रतिनिधि किशन सांखला, दिनेश साधवानी, दीनू राम साहू, किसान प्रतिनिधि तेजराम विद्रोही, बिष्णु राम साहू, रामभरोसा साहू, खेलावन साहू, नारायण साहू आदि उपस्थित रहे।
बैठक के बाद शनिवार की तुलना में 1400 रुपए प्रति क्विंटल की दर से बोली शुरू की गई। धान की किस्म और गुणवत्ता के आधार पर सामान्य मोटा धान 1494 रुपए प्रति क्विंटल व पतला धान 1722 रुपए प्रति क्विंटल की दर से बिकी। मंडी टैक्स बढ़ाए जाने के कारण किसानों को अन्य दिनों की तुलना में प्रति क्विंटल 150 रुपएसे 200 रुपए तक नुकसान उठाना पड़ा है।
न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी जरूरी : तेजराम
यदि सरकार न्यूनतम समर्थन में पूरे सालभर खरीदी के लिए कानूनी गारंटी लागू कर दे तो किसान अपने उपज को औने-पौने दामों पर बेचने के लिए मजबूर नहीं होंगे। राज्य सरकार को चाहिए कि कृषि उपज मंडी अधिनियम की धारा 36 (3) का पालन अनिवार्य रूप से करवाए। जिसमें कहा गया है कि जिस भी फसल का समर्थन कीमत तय किया गया है उससे कम पर बोली नहीं लगाई जाएगी। यह कानून भी कहीं न कहीं एमएसपी की गारंटी देता है, जरूरत है पालन सुनिश्चित करने की।
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