चुनावी आचार संहिता को देखते हुए फाइलों को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया था। यह पिछले डेढ़ महीने से धूल खा रही रही थी। इन फाइलों को निकालने के साथ ही उनका निराकरण भी किया जा रहा है। साथ ही लंबित योजनाओं की सुध ली जा रही है।
बताया जाता है कि चुनाव परिणाण की घोषणा के बाद वन विभाग और पुलिस महकमा स्थानांतरित कर्मचारियों को रिलीव करने के साथ ही निविदा जारी करने की तैयारी में जुटा हुआ है। वहीं परिवहन विभाग ऑटोमेटिक फिटनेस सेंटर के साथ ही परमिट, टैक्स और अन्य बकाया कामकाज निपटाने में जुटा हुआ है। आचार संहिता के शिथिल होते ही अब पदोन्नति, स्थानांतरण और विभागीय समिति की बैठकों का दौर शुरू होगा।
परिवहन विभाग के अधिकारिक सूत्रों ने बताया कि पिछले काफी समय से इसकी तैयारी चल रही थी। लेकिन, चुनाव के लिए वाहनों की व्यवस्था और अन्य तैयारी के कारण इसकी प्रक्रिया रोक दी गई थी। बताया जाता है कि मंत्रिमंडल के गठन के बाद कुछ पुरानी योजनाओं में फेरबदल किया जाएगा। इसके लिए नए प्रस्ताव भी तैयार किए जा रहे हैं।
अफसर सहमे
नई सरकार के गठन होते ही संभावित फेरबदल को देखते हुए अफसर सहमे हुए है। बदलाव की सुगबुगाहट अभी से सुनाई देने लगी है। सभी अपने तरीके से जोड़तोड़ करने में अभी से जुट गए है। वहीं चुनाव परिणामों की घोषणा होते ही निर्माण कार्य, नए सामानों की खरीदी करने की तैयारी भी चल रही है।
ज्ञात हो कि वन विभाग द्वारा पिछले तीन वर्षों में किए गए वृक्षारोपण की जांच कराने, वनोपज और लकडिय़ों के विक्रय निविदा जारी की गई थी। लेकिन, आचार संहिता लागू होने के कारण इसे स्थगित कर दिया गया था। साथ ही इसमें संशोधन कर नए सिरे से जारी किया गया था।