मैनिफेस्टो में जनता को दिग्भ्रमित करने वाला एजेंडा बनाया है
याचिका में रेणु जोगी, इलेक्शन कमीशन आफ इंडिया समेत अन्य को पक्षकार बनाते हुए मांग की गई है कि चुनावी मेनिफेस्टो जनता को जागरूक करने और अपनी पार्टी का एजेंडा बताने के लिए बनाई जाती है, ना कि प्रलोभन देकर वोट हासिल करने के लिए। विधानसभा चुनाव 2018 में शामिल सभी राजनीतिक पार्टियों ने अपने मैनिफेस्टो में जनता को दिग्भ्रमित करने वाला एजेंडा बनाया है, जो कि सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन के विपरीत है जबकि उनके द्वारा बनाया गया मेनिफेस्टो सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन के अनुरुप है, जिसे तत्कालीन कलेक्टर ने भी विधि सम्मत माना था।72 सीटों के चुनाव को रद्द करने की मांग
याचिकाकर्ता ने कोटा से दूसरे चरण में हुए मतदान में निर्दलीय सीट से विधानसभा चुनाव लड़ा है, लिहाजा कोटा के रेणु जोगी समेत 2018 विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण में हुए 72 सीटों के चुनाव को रद्द करने की मांग की है। याचिकाकर्ता ने पहले चरण के हुए 18 सीटों पर हुए मतदान को मामले से अलग रखा है। इस मामले में वे स्वयं पिटिशन इन पर्सन हैं। ज्ञात हो कि शर्मा ने सांसद बंशीलाल महतो समेत अब तक करीब 34 चुनाव याचिकाएं दायर कर चुके हैं और 23 बार चुनाव भी लड़ा है।