तीनों तीन-तीन बार चुनाव जीत चुके हैं पर लगातार किसी ने नहीं जीता। यहां के मतदाताओं ने एक बार कुरैशी को तो एक बार पांडेय को जिताया अभी प्रदेश के केबिनेट मंत्री पांडेय यहां के विधायक हैं। भिलाई स्टील प्लांट में गंभीर हादसे के बीच सियासी हलचल भी है। इस विधानसभा की खासियत यह है कि एक तरफ संपन्न लोग हैं तो दूसरी तरफ स्लम एरिया में रहने वाले श्रमिक वर्ग के लोग। इसी किस्म से विकास भी बंटा हुआ है ,जनता को जवाब चाहिए जल्द चाहिए। पढ़िए ताराचंद सिन्हा की भिलाई से ग्राउंड रिपोर्ट
जनता को जवाब कौन देगा
टाउनशिप का ह़दय स्थल जयंती स्टेडियम है। सुबह के 6.30 बजे ग्राउंड में कुछ लोग दौड़ लगा रहे हैं तो कुछ लोग दौडऩे के बाद बैठकर चर्चा कर रहे हैं। चर्चा के विषय चुनाव ही है। बीएसपी में सीनियर सिटीजन एलएन साहू, कृष्कांत दुबे,आनंद चंदन और केआर सिन्हा में आपस में भिलाई नगर विसं से टिकट को लेकर चर्चा कर रहे थे कि इस बार राजनीतिक दलों के हथकंडे यहां काम आने वाला नहीं है।
लोग अपने समर्थकों का आवास का मरम्मत करवा रहे हैं। जो किसी से नहीं जुड़ा है उनके आवास को छोड़ दिया गया है। समस्याओं को कोई सुनने वाला नहीं है। फोन करो, तो आज कल में हो जाने का बहाना कर टाल दे रहे हैं। बाजू में खड़े सोहन कुमार गजभीए ने कहा कि लोग कब्जा करेंगे तो प्रबंधन ऐसा ही करेगा। पहले आसानी से आवासों की मरम्मत हो जाती थी।
अब हर कोई अपनी पहचान बताकर जल्दी काम कराना चाहता। इसलिए यह नौबत आ रही है।भिलाई नगर विधानसभाक्षेत्र की खासियत यह कि अब तक जो भी विधायक चुने गए। वह बीएसपी से जुड़े हुए लोग ही चुने गए। चाहे व रवि आर्या हो, चंदूलाल चंद्राकर, प्रेम प्रकाश पांडेय या फिर बीडी कुरैशी। सभी विधायक बनने से पहले बीएसपी के कर्मचारी रहे।
यूनियन से जुड़े रहे तालाब पर भी अतिक्रमण ट्रांसपोर्ट नगर होते हुए लाइट इंडस्ट्रीयल एरिया लक्षमण नगर छावनी पहुंचे। जहां तालाब के चबूतरे पर बैठे बच्चे, बुजुर्ग, युवा, महिलाएं तालाब की सुरक्षा को लेकर आपस में चर्चा कर रहे थे। सूर्य कुंड विकास समिति के आरपी सिंह का कहना था कि उद्योगपतियों ने तालाब की जमीन तक नहीं छोड़ा। सार्वजनिक जमीन पर कब्जा कर लिया है। पिछले 9 साल से तालाब के बाजू में खाली पड़ी जमीन को सार्वजनिक मंगल भवन बनाने की मांग कर रहे हैं। इस ओर जनप्रतिनिधयों को ध्यान नहीं जाता।
न रोजगार न बुनियादी सुविधाएं
सिविक सेंटर के काफी के दुकान में इंजीनियरिंग छात्र पंकज कुमार, आशीष राजपूत और उनके दोस्तों से मुलाकात हो गई है। पंकज ने आशीष से कहा कि यार, अब टाउनिशप में पहले जैसा रौनक नहीं रहा। पहले यहां लोग पढ़ाई के साथ उद्योगों में रोजगार के लिए आते थे। अब न तो लोगों को रोजगार मिल रहा है न ही पढ़ाई करने के बाद अच्छी नौकरी मिल रही है। इसलिए लोग बाहर जा रहे हैं। सरकार भी ध्यान नहीं दे रहा है।
टाउनशिप से पावर से पटरीपार कर खुर्सीपार तिराहा पहुंचे। जहां लोग डेंगू को लेकर चर्चा कर रहे थे। 47 लोगों की मौत हो गई। इसके बावजूद स्लम क्षेत्र के विकास में ध्यान नहीं दिया। शहीद वीर नारायण सिंह निवासी लक्ष्मण साहू का कहना था कि खुर्सीपार और छावनी में श्रमिकों की बड़ी आबादी है। यहां मूलभूत सुविधा का अभाव है। कम पढ़े लिखे लोग हैं। जागरूक नहीं है। इस वजह से डेंगू फैला। कई लोगों की मौत हो गई।