सवाल : आगामी विधानसभा चुनाव जल्द होगा। विकास के किन मुद्दों को लेकर आप जनता के बीच जा रहीं हैं ?
जवाब : जहां भी जा रही हूं, सड़क, पानी, बिजली, स्वास्थ्य, शिक्षा जैसी मूलभूत सुविधाएं है ही नहीं। इन सब समस्याओं को दूर करने के लिए एक बार फिर चुनाव लडऩा चाहती हूं। ताकि महेंद्र कर्मा जी के सपने को पूरा कर सकूं।
जवाब : जहां भी जा रही हूं, सड़क, पानी, बिजली, स्वास्थ्य, शिक्षा जैसी मूलभूत सुविधाएं है ही नहीं। इन सब समस्याओं को दूर करने के लिए एक बार फिर चुनाव लडऩा चाहती हूं। ताकि महेंद्र कर्मा जी के सपने को पूरा कर सकूं।
सवाल : …तो इसका मतलब आप अपने पांच वर्ष के कार्यकाल में लोगों के अपेक्षा के अनुरूप कार्य नहीं कर पाईं?
जवाब : मैंने अपने कार्यकाल में जितना अधिक से अधिक हो सका विकास कार्य किए हैं। आने वाले समय में और ताउम्र आदिवासियों की सेवा करती रहूंगी।
जवाब : मैंने अपने कार्यकाल में जितना अधिक से अधिक हो सका विकास कार्य किए हैं। आने वाले समय में और ताउम्र आदिवासियों की सेवा करती रहूंगी।
सवाल : दंतेवाड़ा सीट से चुनाव लडऩे छविन्द्र कर्मा और आपके बीच पारिवारिक कलह की खबर सामने आ रही है ?
जवाब : ये हमारे परिवार का अंदरूनी मामला है। और रही बात दंतेवाड़ा विधानसभा सीट से चुनाव लडऩे की, तो इसका फैसला हाईकमान करेगा। जैसा आदेश होगा, हम वैसा ही करेंगे।
जवाब : ये हमारे परिवार का अंदरूनी मामला है। और रही बात दंतेवाड़ा विधानसभा सीट से चुनाव लडऩे की, तो इसका फैसला हाईकमान करेगा। जैसा आदेश होगा, हम वैसा ही करेंगे।
सवाल : शासन की योजनाएं क्या आदिवासियों तक पहुंच पाई?
जवाब : सरकार टिफिन बांट रही, मोबाइल बांट रही, लेकिन न आदिवासियों को इसका लाभ मिला न मूलभूत सुविधाएं, जिसकी दरकार है। किस विकास की बात करती है सरकार।
जवाब : सरकार टिफिन बांट रही, मोबाइल बांट रही, लेकिन न आदिवासियों को इसका लाभ मिला न मूलभूत सुविधाएं, जिसकी दरकार है। किस विकास की बात करती है सरकार।
सवाल : नक्सलवाद क्षेत्र की सबसे बड़ी समस्या है, इसे किस तरह देखती हैं?
जवाब : देखिये सरकार नक्सल मुक्त छत्तीसगढ़ की बात करती है। अगर नक्सल मुक्त हो गया तो इतने फोर्स की जरूरत क्यों पड़ रही। क्यों रमन, मोदी आते हैं तो और जगह की अपेक्षा यहां कई गुना अधिक फोर्स लगाये जाते हैं। सहीं मायने में सरकार चाहती ही नहीं इसे खत्म करना।
जवाब : देखिये सरकार नक्सल मुक्त छत्तीसगढ़ की बात करती है। अगर नक्सल मुक्त हो गया तो इतने फोर्स की जरूरत क्यों पड़ रही। क्यों रमन, मोदी आते हैं तो और जगह की अपेक्षा यहां कई गुना अधिक फोर्स लगाये जाते हैं। सहीं मायने में सरकार चाहती ही नहीं इसे खत्म करना।
सवाल : सलवा जुडूम के तहत नक्सल प्रभावित लोगों शिविर, कैम्प में लाकर बसाया गया, अब न उनको शिक्षा मिल रही न रोजगार, स्वास्थ्य जैसी मूलभूत भी नसीब नहीं हो रहा?
जवाब : सलवा जुडूम अभियान के तहत महेंद्र कर्मा जी ने उन्हें यहां लाकर बसाया था। उनके लिए सभी मूलभूत सुविधाओं की व्यवस्था की। लेकिन अब सरकार इन पीडि़त आदिवासियों के लिए कुछ भी नहीं कर रही।
जवाब : सलवा जुडूम अभियान के तहत महेंद्र कर्मा जी ने उन्हें यहां लाकर बसाया था। उनके लिए सभी मूलभूत सुविधाओं की व्यवस्था की। लेकिन अब सरकार इन पीडि़त आदिवासियों के लिए कुछ भी नहीं कर रही।
सवाल : अपने घर, जमीन को छोड़ शरणार्थियों की तरह रह रहे आदिवासियों के विस्थापन को लेकर क्या प्रयास रहेगा?
जवाब : आज सरकार की उपेक्षा की वजह से इनकी हालात दयनीय है। आगामी विधानसभा चुनाव में हम बहुमत में साथ सरकार बनाएंगे। और इनको इनके मूल ग्राम में विस्थापित किया जाएगा।
जवाब : आज सरकार की उपेक्षा की वजह से इनकी हालात दयनीय है। आगामी विधानसभा चुनाव में हम बहुमत में साथ सरकार बनाएंगे। और इनको इनके मूल ग्राम में विस्थापित किया जाएगा।