कांग्रेस नेताओं से सवाल उठाया कि तेलंगाना के कुछ जिले भी माओवाद प्रभावित हैं। वहां चुनाव भी 117 सीटों पर होना है। इसके बाद भी वहां एक ही चरण में चुनाव हो रहा है तो छत्तीसगढ़ में दो चरण में क्यों। कांग्रेस ने एक ही चरण में 20 नवम्बर को मतदान कराने की मांग की है।
कांग्रेस ने मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी को प्रथम, द्वितीय और तृतीय श्रेणी के 146 अधिकारियों की सूची सौंपी है। कांग्रेस नेताओं का कहना है कि इनमें से 33 अधिकारी अपने गृह जिलों में ही तैनात हैं। शेष अधिकारी 3 से 25 वर्षों से एक ही जिले में हैं, इनको हटाए बिना निष्पक्षता प्रभावित होगी।
जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ ने दूसरे चरण के लिए 20 नवम्बर को होने वाले मतदान की तिथि पर आपत्ति की है। सोमवार को हुई बैठक में पार्टी प्रतिनिधियों ने ज्ञापन सौंपकर कहा, 20 नवम्बर को ईद-मिलादुन्नबी है। ऐसे में उस दिन मतदान न कराकर 21 या 22 तारीख को कराया जाए। जकांछ ने सुदूर जिलों के कलक्टरों का तबादला करने और मोबाइल एप के जरिए सरकारी योजनाओं के प्रचार-प्रसार पर रोक लगाने की भी मांग की है।
कांग्रेस नेताओं ने कहा, निर्वाचन आयोग अगर माओवाद प्रभावित सीटों पर अलग से मतदान कराना ही चाहता है तो सीटों का चयन अलग तरीके से किया जाए। चयन से पहले पिछले पांच वर्षों में उस विधानसभा सीट में दर्ज माओवादी घटनाओं को आधार बनाया जाए।