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CG Election 2018: राजनीतिक नजरिए से चुनाव को नहीं देखता किसान

locationरायपुरPublished: Sep 15, 2018 05:27:48 pm

Submitted by:

Ashish Gupta

छत्तीसगढ़ का किसान भोला है। वो सिस्टम पर पूरा भरोसा करता है। किसान किसी भी चुनाव को राजनीतिक नजरिए से नहीं देखता है।

रायपुर. छत्तीसगढ़ का किसान भोला है। वो सिस्टम पर पूरा भरोसा करता है। किसान किसी भी चुनाव को राजनीतिक नजरिए से नहीं देखता है। इवीएम और चुनाव कराने वाले तंत्र पर उसको पूरा विश्वास है। यही नहीं इस दिनों राजनीति में हावी धर्म, जाति और राष्ट्रवाद के मुद्दे से भी किसानों को ज्यादा मतलब नहीं रहता है। किसान तो सिर्फ यही चाहता है कि आर्थिक स्थिति मजबूत हो और ग्रामीण क्षेत्रों का विकास हो।

चुनाव को लेकर किसान का केवल दो ही दृष्टिकोण

चुनाव को लेकर किसान का केवल दो ही दृष्टिकोण होता है। पहला यह है कि किसी दल ने किसानों के हित में क्या वादा किया था? और दूसरा यह कि उस सरकार ने कितना वादा पूरा किया है। इस बार जो स्वामीनाथ कमेटी की अनुंशसा के प्रावधानों को लागू करने की बात कहेगा, किसान पर भरोसा जताएंगे। पिछली सरकारों का अनुभव किसानों के लिए उतना अच्छा नहीं आ रहा है। आज भी पांच वादें पूरे नहीं हो सके हैं। सरकार ने जब अपनी तरफ से न्यूनतम समर्थन मूल्य 2850 रुपए करने केंद्र को पत्र लिखा था, तो उसे लागू करने में दिक्कत नहीं होनी चाहिए।

कानूनी प्रावधान हो
हर बार किसानों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य तय होता है, लेकिन मार्केट के बाहर किसानों से कम कीमत पर खरीदी होती है। इसे रोकने के लिए कानूनी प्रावधानों को लागू कर कड़ाई से पालन करना चाहिए। न्यूनतम समर्थन मूल्य से कम में खरीदी करने वालों के खिलाफ सीधे एफआइआर दर्ज होनी चाहिए।

तेलंगाना मॉडल का इंतजार
तेलंगाना की सरकार ने किसानों के लिए 40 नई योजनाएं चल रही है। हर किसान को प्रति एकड़ 4 हजार रुपए का अनुदान दिया जा रहा है। यहां के किसानों भी इस बात की उम्मीद लगाएं बैठे कि उनके लिए भी सरकार इसी तरह की कुछ योजना लेकर आएगी।

(प्रगतिशील किसान संगठन के संयोजक राजकुमार गुप्त के विचार)

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