राज्य स्तरीय बाढ़ नियंत्रण कक्ष से प्राप्त जानकारी के अनुसार एक जून से अब तक सरगुजा में 234.1 मिमी, सूरजपुर में 312.0 मिमी, जशपुर में 287.9 मिमी, कोरिया में 330.3 मिमी, रायपुर में 372.2 मिमी, बलौदाबाजार में 546.2 मिमी, गरियाबंद में 644.4 मिमी, महासमुंद में 564.7 मिमी, धमतरी में 670.3 मिमी, बिलासपुर में 607.0 मिमी, मुंगेली में 624.1 मिमी, रायगढ़ में 525.5 मिमी, जांजगीर-चांपा में 665.4 मिमी, कोरबा में 436.3 मिमी, गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही में 556.7 मिमी, दुर्ग में 508.8 मिमी, कबीरधाम में 555.3 मिमी, राजनांदगांव में 600.0 मिमी, बालोद में 685.5 मिमी, बेमेतरा में 387.3 मिमी, बस्तर में 726.9 मिमी, कोण्डागांव में 647.1 मिमी, कांकेर में 785.1 मिमी, नारायणपुर में 590.2 मिमी, दंतेवाड़ा में 744.0 मिमी और सुकमा में 548.4 मिमी औसत वर्षा रिकार्ड की गई।
छत्तीसगढ़ की 28 तहसीलें सूखाग्रस्त घोषित की जा सकती हैं। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निर्देश के बाद मुख्य सचिव अमिताभ जैन ने संबंधित कलेक्टरों से औपचारिक प्रस्ताव मंगाए हैं। बताया जा रहा है कि वर्षा आंकड़ाें के आधार पर जो शुरुआती आंकलन सामने आया है उसके मुताबिक आठ तहसीलों में गंभीर सूखे की स्थिति बन रही है।
मुख्यमंत्री भूपेश के निर्देश के बाद मुख्य सचिव अमिताभ जैन ने सोमवार को वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के माध्यम से सभी संभायुक्तों एवं कलेक्टरों की बैठक ली। इस दौरान प्रदेश में बरसात की स्थिति की समीक्षा हुई। मुख्य सचिव ने कलेक्टरों को औसत से कम बारिश वाली तहसीलों का राहत मैन्युअल-2022 के प्रावधान के अनुसार फसलों का राजस्व, कृषि एवं उद्यानिकी विभाग के अधिकारियों के माध्यम से नजरी आकलन कराने के निर्देश दिए।
बताया गया, प्रदेश के 9 जिलों की 28 तहसीलों में 60% से भी कम वर्षा हुई है। इनमें से आठ तहसीलें ऐसी हैं जहां 40% से भी कम बारिश हुई है। यानी इन तहसीलों में सूखे की स्थिति गंभीर है। मुख्य सचिव ने कहा है, औसत से कम बारिश वाली 28 तहसीलों में राहत कार्य शुरू कराने के लिए तत्काल कार्ययोजना भी तैयार की जाए। उन्होंने ऐसी तहसीलों में फसलों का नजरी आकलन कराकर सूखा घोषित करने के लिए एक सप्ताह के भीतर औपचारिक प्रस्ताव भिजवाने का निर्देश दिया।
इन जिलों की तहसीलों में 60% से कम बरसात सरगुजा - अम्बिकापुर, मैनपाट, सीतापुर। सूरजपुर – लटोरी। बलरामपुर - बलरामपुर, कुसमी, वाड्रफनगर। जशपुर - दुलदुला, जशपुर, पत्थलगांव, सन्ना, कुनकुरी, कांसाबेल।
रायपुर – रायपुर, आरंग। कोरिया - सोनहत। कोरबा - दर्री। बेमेतरा - बेरला। सुकमा - गादीरास, कोण्टा। इन तहसीलों में ताे 40% पानी भी नहीं बरसा सरगुजा - लुण्ड्रा, दरिमा, बतौली।
सूरजपुर - प्रतापपुर एवं बिहारपुर। बलरामपुर - शंकरगढ़, रामानुजगंज और राजपुर।