CGPSC फिर विवादों में: परीक्षा दिए बगैर कैंडिडेट को आयोग ने सीधे इंटरव्यू के लिए बुलाया
- अभ्यर्थियों ने सोशल मीडिया में पीएससी का कारनामा किया वायरल
- अभ्यर्थियों के सवालों से बच रहे जिम्मेदार

रायपुर. छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग (CGPSC) द्वारा ली जा रही सहायक प्राध्यापक परीक्षा (CGPSC Recruitment of Assistant Professor Psychology) में विवाद लगातार जारी है। अनुपस्थित अभ्यर्थी को इंटरव्यू में बुलाने की बात अभ्यर्थी और बीजेपी नेताओं के उठाने के बाद सीजीपीएससी ने स्पष्टीकरण जारी कर दिया।
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इस विवाद के खत्म होने के बाद सोशल मीडिया में नया विवाद अभ्यर्थियों ने छेड़ दिया है। अभ्यर्थियों का कहना है कि सीजीपीएससी सहायक प्राध्यापक मनोविज्ञान (Recruitment of Assistant Professor Psychology) 8 पद निकाले थे। इसका इम्तहान दो चरणों में होना था। पहली बार परीक्षार्थियों को परीक्षा ऑनलाइन देनी थी। ऑनलाइन परीक्षा में पास हुए लोगों को इंटरव्यू से गुजरना होता था। ऑनलाइन परीक्षा 300 अंकों की थी और इंटरव्यू 30 अंकों का था।
अभ्यर्थियों का आरोप है कि सीजीपीएसी के जिम्मेदारों ने अभ्यर्थियों की कमी के चलते सीधे उन्हें इंटरव्यू में बुला लिया। इंटरव्यू में 75 अंक दिए। इस बदलाव का सीजीपीएससी के जिम्मेदारों नोटिफिकेशन जारी नहीं किया है। सहायक प्राध्यापक परीक्षा में सीजीपीएससी के जिम्मेदार मनमानी कर रहें है और उसका दुष्परिणाम छात्रों पर हो रहा है।
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जिम्मेदार नहीं दे रहे जवाब
अभ्यर्थियों के आरोपों का जवाब जानने के लिए पत्रिका ने सीजीपीएससी के जिम्मेदारों को फोन किया। उन्होंने फोन का जवाब नहीं दिया। अभ्यर्थियों का कहना है, कि जिम्मेदार मनमानी कर रहे है। वे ज्ञापन सौंपते है, और समस्याओं का समाधान मांगते है फिर भी उनके द्वारा स्पष्ट जवाब नहीं दिया जा रहा है।
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