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स्टेट टॉपर आस्था ने कोरोना को हराया, इंटरव्यू के दिन शिल्पा के पिता का था ऑपरेशन

locationरायपुरPublished: Oct 30, 2021 07:51:43 am

Submitted by:

Tabir Hussain

सिर्फ पढ़ाई ही नहीं इमोशनल तौर भी परेशान रह चुके हैं टॉपर्स

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लेफ्ट आस्था बोरकर और राइट शिल्पा देवांगन

ताबीर हुसैन @ रायपुर. सीजीपीएससी 2020 के नतीजे में राजनांदगांव की आस्था बोरकर स्टेट टॉपर रहीं। मेंस से पहले उन्हें कोरोना हुआ था। इसी तरह तीसरी टॉपर शिल्पा देवांगन 26 अक्टूबर को जब इंटरव्यू दे रहीं थीं, पिता का ऑपरेशन हो रहा था। वे काफी तनाव में थीं। आस्था को कुल 1012 माक्र्स मिले जिसमें इंटरव्यू के 125 हैं। अभी वे जनपद सीईओ हैं। एमएससी के बाद से ही वे सिविल सर्विसेज की तैयारी में जुट गईं थीं। आस्था ने बताया, मेरे मामा चाहते थे कि मैं कलेक्टर बनूं। कलेक्टर तो नहीं पर डिप्टी कलेक्टर तो बन ही गई। आगे यूपीएससी भी दिलाऊंगी। मैं 2018 से पीएससी दे रही हूँ। पहली बार प्री क्लियर नहीं हुआ था। 2019 में अच्छी रैंक नहीं आई और जनपद सीईओ का पद मिला। इस बार टॉप कर गई जो मैंने सोचा ही नहीं था। हालांकि तैयारी मेरी बहुत अच्छी थी। मेंस देने के पहले कोविड पॉजिटिव भी हो गई। 10 दिन तक तो बहुत निगेटिविटी रही। खुद पर विश्वास था इसलिए इलाज से कोरोना से उबर पाई और फिर तैयारी की। पिता ध्रुवराज बोरकर रेलवे में कार्यरत हैं। मम्मी सुशीला बोरकर हाउसवाइफ हैं।

टाइम मैनेजमेंट से मिली सफलता

मैं सोशल मीडिया से दूर जरूर रही लेकिन कोई खास फंक्शन होता तो जरूर अटेंड किया करती थी। मेरी पढ़ाई बिल्कुल नॉर्मल रही। मेरा टाइम मैनेजमेंट बहुत अच्छा था। मेंस के दौरान ज्यादा फोकस्ड रही।

इंजीनियर आकाश बने सेकण्ड टॉपर

2019 की पीएससी में महासमुंद पटेवा के आकाश। शुक्ला को नौवीं रैंक मिली थी। 2020 में वे सेकण्ड टॉपर बन गए। हाल ही में यूपीएससी के जारी नतीजों में उन्हें एआईआर 427 मिली थी। वे रायपुर में रहकर सिविल सर्विसेज की तैयारी कर रहे थे। उन्होंने बताया, पिता च्वॉइस सेंटर चलाते हैं। बारहवीं तक की पढ़ाई नवोदय विद्यालय सराईपाली से हुई। इसके बाद 2015 में एनआईटी से बीटेक किया। डेढ़ साल एनआईटी में ही टीचिंग असिस्टेंट की जॉब की। आकाश ने नालंदा लाइब्रेरी में पढ़ाई की।

टॉप 10 लिस्ट

1 आस्था बोरकर
2 आकाश कुमार शुक्ला
3 शिल्पा देवांगन
4 मिशा कोसले
5 आशुतोष कुमार देवांगन
6 नितिन तिवारी
7 अमिय श्रीवास्तव
8 पीयूष तिवारी
9 विकास कुमार चौधरी
10 अंशुल वर्मा

स्टेट टॉपर आस्था ने कोरोना को हराया, इंटरव्यू के दिन शिल्पा के पिता का था ऑपरेशन

पिता का ऑपरेशन था, बेटी दे रही रही थीं इंटरव्यू

जांजगीर की शिल्पा देवांगन थर्ड टॉपर हैं। उनके पिता शंकर देवांगन का रिजल्ट आने के एक दिन पहले निधन हो गया। इंटरव्यू वाले दिन उनका ऑपरेशन था। शिल्पा कहती हैं, मेरे लिए वह दिन बहुत था। मैं सिर्फ इसलिए इंटरव्यू देने गई क्योंकि पिता का सपना था कि मैं डिप्टी कलेक्टर बनूं। मेरी सफलता में पति का पूरा सहयोग रहा। वे लेक्चरर हैं, उनका भी चयन पीएससी के लिए हुआ है। उन्हें 18वीं रैंक मिली है। यह सफलता हमारे लिए कई मायनों में खास है। लंबे संघर्ष के बाद हमें यह खुशी नसीब हुई है। मैं युवाओं से यही कहूंगी कि पीएससी एक ऐसा एग्जाम है जो आपके धैर्य की भी परीक्षा लेता है, बस आप अपना हंड्रेड परसेंट देकर ईमानदारी के साथ तैयारी में जुटे रहें सफलता जरूर मिलती है।

रायपुर के अमिय को छठवें प्रयास में मिली कामयाबी

टीवी टॉवर रायपुर निवासी अमिय श्रीवास्तव को सातवीं रैंक मिली है। वे दो बार मेंस और दो बार इंटरव्यू दे चुके हैं। पिता अतुल श्रीवास्तव सरकारी नौकरी से रिटायर्ड हैं और मम्मी संध्या श्रीवास्तव हैं। अमिय ने बताया, मैंने शंकराचार्य भिलाई से इंजीनियरिंग की और 2015 से पीएससी दे रहा हूं। पिछले साल मेंस और इंटरव्यू दोनों में नंबर कम आए थे जिसे मैंने इस बार इंप्रुव किया। पढ़ाई की तैयारी मैंने लगातार सीटिंग से नहीं की बल्कि जब मुझे लगता तब मैं पढ़ता।

नौंवी रैंक वाले विकास बारहवीं में रह चुके हैं स्टेट टॉपर

बिलासपुर के विकास कुमार चौधरी को नौवीं रैंक मिली है। वे कहते हैं यह मेरा दूसरा प्रयास था। पापा ठाकुरराम चौधरी टीचर हैं और किसानी भी करते हैं। मम्मी हाउसवाइफ हैं। मैंने इंजीनियर की है। पूर्व कलेक्टर ओपी चौधरी सर से प्रेरित हुआ। वे हमारे भैया लोगों के दोस्त हैं। इसके अलावा आईपीएस भोजराम पटेल से भी प्रेरणा मिली। मेरे लिए चुनौती यह रही कि हिंदी मीडियम से अंग्रेजी मीडियम में गया और इंजीनियरिंग की। इसके बाद फिर से हिंदी माध्यम में लौटना। क्योंकि पीएससी हो या यूपीएससी दोनों में अंग्रेजी माध्यम जरूरी है। 2012 में मैंने बारहवीं की है। उस वक्त का सीजी बोर्ड टॉपर रहा हूं। इसलिए कॉन्फिडेंस तो था ही।
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