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Chaitra Navratri 2021: चैत्र नवरात्र के दूसरे दिन ब्रह्मचारिणी स्वरूप का अभिषेक, जानें पूजा विधि, व्रत कथा और बीज मंत्र

locationरायपुरPublished: Apr 14, 2021 11:01:16 am

Submitted by:

Ashish Gupta

Chaitra Navratri 2021: चैत्र नवरात्र का आज दूसरा दिन है। चैत्र नवरात्र की द्वितीया तिथि पर बुधवार को माता का दूसरा स्वरूप ब्रह्मचारिणी रूप का शृंगार पूजन किया जाएगा।

Brahmacharini Mata Puja Vidhi

Navratri 2021: शारदीय नवरात्रि के दूसरे दिन होती है मां ब्रह्मचारिणी, जानिए पूजा विधि, मंत्र, भोग और कथा

रायपुर. चैत्र नवरात्र (Chaitra Navratri 2021) का आज दूसरा दिन है। चैत्र नवरात्र की द्वितीया तिथि पर बुधवार को माता का दूसरा स्वरूप ब्रह्मचारिणी रूप का शृंगार पूजन किया जाएगा। मां ब्रह्मचारिणी का स्वरूप बहुत ही सरल है। सरल स्वभाव वाली मां ब्रह्मचारिणी दुष्टों को मार्ग दिखाती हैं। सफेद वस्त्र धारण किए माता ब्रह्मचारिणी के दाएं हाथ में जपमाला और बाएं हाथ में कमंडल है।

मां ब्रह्मचारिणी के नाम में ब्रह्म शब्द का अर्थ है – तपस्या और ब्रह्मचारिणी का अर्थ है तप का आचरण करने वाली। माना जाता है मां ब्रह्मचारिणी की आराधना से व्यक्ति के अंदर जप – तप की शक्ति बढ़ती है। मां ब्रह्मचारिणी अपने भक्तों को संदेश देती हैं कि परिश्रम से ही सफलता अर्जित की जा सकती है।

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व्रत कथा
पूर्व जन्म में हिमालय के घर जन्मी ब्रह्मचारिणी ने नारद जी की सलाह पर भगवान शिव को पति रूप में प्राप्त करने के लिए कठोर तपस्या की थी। इनकी कठोर तपस्या के कारण ही इनका नाम ब्रह्मचारिणी यानि तपश्चारिणी पड़ गया। ब्रह्मचारिणी हजारों वर्षों तक जमीन पर गिरे बेलपत्रों को खाकर भगवान शिव की आराधना करती रहीं। बाद में भगवान शिव ने ब्रह्मचारिणी की कठीन तपस्या से प्रसन्न होकर अपनी पत्नी के रूप स्वीकार कर लिया।

पूजा विधि
मां दुर्गा के दूसरे स्वरूप ब्रह्मचारिणी की आराधना के लिए ब्रम्ह मुहूर्त में स्नान करना है। आज के दिन अगर आप पीले रंग के वस्त्र धारण कर मां की पूजा करते हैं तो अत्यंत शुभ माना जाता है। मां को कमल का फूल या गुड़हल फूल अर्पित करें। मां को तिलक लगाने के बाद फल – फूल, नैवेद्य, पान, सुपारी और इलायची अवश्य अर्पित करें। इसके साथ हो दूध, दही और शहद भी मां को अर्पित करें। इसके बाद गाय के घी का दीपक प्रज्‍ज्‍वलित करें।

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मां ब्रह्मचारिणी का पूजा मंत्र
या देवी सर्वभूतेषु मां ब्रह्मचारिणी रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।

मां ब्रह्मचारिणी का बीज मंत्र
ब्रह्मचारिणी: हीं श्री अम्बिकायै नम:।

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