ऐसा माना जाता है कि इस तरह के संयोग में देवी साधना विशेष फलदायक होती है
नवरात्रि के सभी दिनों में बन रहे ये दुर्लभ संयोग, शेर पर नहीं बल्कि घोड़े पर सवार होकर आएंगी मां शेरावाली
रायपुर. चैत्र नवरात्रि का शुभारंभ शनिवार 6 अप्रैल से होने जा रहा है। जिसके लिए सभी देवी मंदिरों में तैयारियां जोरो शोरो से चल रही है। नवरात्रि में 9 दिन मां के 9 रूपों की पूजा अर्चना की जाती है। शैलपुत्री, ब्रम्हचारिणी, चंद्रघंटा, कूष्मांडा, स्कंदमाता, कात्यायनी, कालरात्रि, महागौरी और सिद्धिदात्री नवरात्रि में इन्ही नौ देवियों की पूजा की जाती है।
इस साल बन रहा ये दुर्लभ संयोग शहर के प्रमुख मंदिरों में तैयारियां लगभग पूर्ण हो चुकी है। नवरात्रि में इस साल ये दुर्लभ संयोग होंगे। इन नौ दिनों में सर्वार्थसिद्धि योग, रवियोग, रविपुष्य योग, तथा भद्रा स्वर्गलोक बन रहे हैं। ऐसा माना जाता है कि इस तरह के संयोग में देवी साधना विशेष फलदायक होती है।
शहर के प्राचीन महामाया, काली माता, बंजारी धाम, दंतेश्वरी माता, कंकाली माता, शीतला माता का दरबार श्रद्धालुओं द्वारा सजाया जा रहा है। 6 अप्रैल से माता रानी का दरबार मनोकामना ज्योति कलश से जगमग होगा। जसगीत की धूम रहेगी।
पं मनोज शुक्ला के अनुसार मां भगवती दुर्गा का वाहन सिंह है। लेकिन हर समय नवरात्रि पर तिथि के अनुसार अलग-अलग वाहनों पर सवार होकर आती है। शनिवार के दिन कलश स्थापना होने पर मां दुर्गा सिंह के बजाय घोड़े पर सवार होकर आ रही हैं।
सोमवार व रविवार को प्रतिपदा तिथि पडऩे से मां दुर्गा हाथी पर सवार होकर आती है। शनिवार तथा मंगलवार होने पर माता का वाहन घोड़ा होता है। गुरूवार अथवा शुक्रवार के दिन कलश स्थापना होने पर माता डोली पर चढकऱ आती है। बुधवार का दिन होने पर माता नाव पर सवार होकर आती है। अत: कलश स्थापना 6 अप्रैल यानि चैत्र शुक्ल प्रतिपदा शनिवार को है। इस दिन हिंदु नववर्ष का भी आरंभ होता है।