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कोरोना संकट के कारण देवी मंदिरों (Chaitra navratri 2021) के पट भक्तों के लिए बंद होने से श्रद्धालु अपने-अपने घरों में ही शक्ति स्वरूपा का हवन, पूजन कर महाआरती करेंगे और आम की लकड़ी नहीं मिलने के कारण नारियल के चिलके को जलाकर आहूतियां देंगे। क्योंकि लॉकडाउन के कारण पूजा सामग्री दुकानें बंद है। लॉकडाउन लगने से पहले जो श्रद्धालु पहले से तैयारी कर रखे थे, उन्हें पूजा, हवन करने में कोई अड़चन नहीं है। आठ कन्याओं के नाम का भोजन गोमाता को
कोरोना महामारी को देखते हुए मातारानी का उपवास रखकर पूजा-अर्चना करने वाले श्रद्धालु नौ कन्याओं की जगह केवल कन्या का पूजन कर भोजन कराएंगे और आठ कन्याओं के नाम का भोजन गोमाता को खिलाएंगे। देवी मंदिरों में भी भोग-भंडारा नहीं होगा।
कोरोना महामारी को देखते हुए मातारानी का उपवास रखकर पूजा-अर्चना करने वाले श्रद्धालु नौ कन्याओं की जगह केवल कन्या का पूजन कर भोजन कराएंगे और आठ कन्याओं के नाम का भोजन गोमाता को खिलाएंगे। देवी मंदिरों में भी भोग-भंडारा नहीं होगा।
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महामाया मंदिर रात 11 बजे से होगा हवनमहामाया मंदिर के पुजारी मनोज शुक्ला ने बताया कि अष्टमी और नवमी तिथि की युति में पूर्णाहुति की परंपरा है। इसलिए रात 11 बजे से हवन प्रारंभ होकर नवमी तिथि प्रारंभ होने तक चलेगा। पूर्णाहुति में केवल पुजारी और मंदिर ट्रस्ट के पदाधिकारी ही शामिल होंगे। इसके बाद माता को राजभोग अर्पित किया जाएगा। नौ कन्याओं की जगह पुजारी परिवार की एक कन्या का पूजन कर गोमाता को भोजन कराएंगे।
सतबहिनिया मंदिर में रात 11 बजे हवन
सतबहिनियां माता मंदिर बंधवापारा के आचार्य पं. विजय कुमार झा एवं उमेश पाण्डेय ने बताया कि मंदिर में 86 मनोकामना ज्योति कलश श्रद्वालुओं द्वारा प्रज्जवलित किया गया है। 20 अप्रैल को रात 1.30 बजे तक अष्टमी तिथि है। दंतेश्वरी मंदिर खोखोपारा में 556 मनोकामना ज्योति प्रज्जवलित है।
सतबहिनियां माता मंदिर बंधवापारा के आचार्य पं. विजय कुमार झा एवं उमेश पाण्डेय ने बताया कि मंदिर में 86 मनोकामना ज्योति कलश श्रद्वालुओं द्वारा प्रज्जवलित किया गया है। 20 अप्रैल को रात 1.30 बजे तक अष्टमी तिथि है। दंतेश्वरी मंदिर खोखोपारा में 556 मनोकामना ज्योति प्रज्जवलित है।