कभी करता था रेल में चोरी
चंदन सोनार का लंबा आपराधिक इतिहास रहा है। एक समय रेल क्षेत्र में अपराध करने वालों के बीच उसकी तूती बोलती थी। जीआरपी के द्वारा जब उसे गिरफ्तार कर हाजीपुर जेल भेजा गया तो वहां उसकी दोस्ती कई शातिर अपराधियों से हो गई थी। उसके बाद उसकी पहचान अंडरवल्र्ड में तेजी से फैली। वैशाली जिले के कई थानों में अपराध दर्ज रहे हैं। चंदन सोनार अपने ज़्यादातर किडनैपिंग प्लान को पप्पू चौधरी के ही माध्यम से क्रियान्वित करता है। झारखंड के भाजपा नेता मदन सिंह के बेटे और दो रिश्तेदारों के अपहरण के लिए भी उसने प्रवीण सोमानी वाली ही प्रक्रिया अपनायी।
कौन-कौन बना गिरोह का निशाना
झारखंड में चंदन सोनार का पहला शिकार गोमिया के व्यवसायी महावीर जैन बने थे। गिरोह ने 2008 में महावीर जैन का अपहरण किया था। इसके बाद रांची के जेवर व्यवसायी परेश मुखर्जी और लव भाटिया के अपहरण में भी उसकी संलिप्तता सामने आयी। महत्वपूर्ण है कि गुजरात के हीरा कारोबारी के बेटे सुहैल हिंगोरा को भी चंदन गिरोह ने 25 करोड़ की फिरौती लेने के बाद ही छोड़ा था। इस अपहरण मे भी केंद्रीय भूमिका पप्पू ने निभाई थी। दक्षिण गुजरात के उद्यमी हनीफ हिंगोरा के बेटे सुहैल को वर्ष 2013 के अक्तूबर में केंद्रशासित प्रदेश दमन से अगवा किया गया था। फिरौती चुका कर एक महीने बाद सुहैल के परिवार ने उसे मुक्त करवाया।
चंदन सोनार पर मामले
वैशाली जिले के कई थानों में चंदन सोनार के खिलाफ अपहरण के मामले दर्ज रहे हैं। सदर थाना कांड संख्या 226/2005, नगर थाना कांड संख्या 214/2007 और 418/2010 के तहत अपहरण का मामला दर्ज हुआ था। पटना हवाई अड्डा थाना कांड संख्या 159/2009, पटना के शास्त्रीनगर थाना कांड संख्या 26/2010, रांची के लोअर बाजार थाना कांड संख्या 168/2009, झारखंड के गोमिया थाना कांड संख्या 106/2008 दर्ज की गई थी।
अब मुख्य साजिशकर्ता की तलाश
उद्योगपति सोमानी की तलाश में आठ टीमें बनाकर किडनैपरों की तलाश की जा रही थी। आधी टीमें बिहार, झारखंड, उत्तरप्रदेश, ओडिशा, दिल्ली जैसे राज्यों में तलाश में लगी थी और आधी टीमें तकनीकी जांच और किडनैपरों के लोकल कनेक्शन तलाश रही थी। इस दौरान लोकल कनेक्शन में काम कर रही टीम को किडनैपरों के कुछ स्थानीय मददगारों का पता चला।
15 दिन बाद छूटे उद्योगपति प्रवीण
उद्योगपति सोमानी को किडनैपरों ने 8 जनवरी को किडनैप किया था। इसके बाद 22 जनवरी को पुलिस ने उत्तरप्रदेश से छुड़ा लिया। उन्हें छुड़ाने में कुल 15 दिन लगे। भिलाई के उद्योगपति शैलेष शाह के बेटे आदित्य को भी किडनैपरों ने 15 दिन बाद सकुशल छोड़ा था। आदित्य का अपहरण करने वालों का आज तक पता नहीं चल पाया है। आशंका है कि इसी गिरोह ने आदित्य का भी अपहरण किया था।
घटना- 8 जनवरी 2020
– समय शाम 6 से 6.30 बजे के बीच
– स्थान सिलतरा से परसुलीडीह के बीच
– पुलिस टीमें- 8 टीमें, टीआई से लेकर आरक्षक तक 40 पुलिसकर्मी
– आईजी डॉ. आनंद छाबड़ा, एसएसपी आरिफ शेख कर रहे थे मॉनिटरिंग